Kedarnath Chopper Crash: सात लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने दो दिन की सेवा पर लगाई रोक

केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में सात लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री धामी ने दो दिनों के लिए हेली सेवा पर रोक लगाई। जानें हादसे का कारण, पायलट की पहचान और सरकार की कार्रवाई।

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Vaishali Garg
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Kedarnath Dham

Photograph: ((Pushkar Singh Dhami, ETV Bharat))

उत्तराखंड केदारनाथ में हुई एक दर्दनाक हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। तीर्थयात्रियों को लेकर उड़ान भर रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से सात लोगों की जान चली गई। इसमें छह श्रद्धालु और पायलट शामिल थे। हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो दिनों के लिए हेली सेवा पर रोक लगा दी है।

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Kedarnath Chopper Crash: सात लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने दो दिन की सेवा पर लगाई रोक 

क्या हुआ हादसे के दिन?

15 जून 2025 की सुबह करीब 5:30 बजे एक बेल 407 हेलीकॉप्टर, जो केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भर रहा था, कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसा गौरीकुंड के पास हुआ, जहां घने कोहरे और बेहद खराब दृश्यता की स्थिति थी। हेलीकॉप्टर जमीन से टकरा गया और उसमें आग लग गई, जिससे सभी सातों यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई।

पायलट की पहचान और अनुभव

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हादसे में जान गंवाने वाले पायलट की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) राजवीर सिंह चौहान के रूप में हुई है। वे सेना से रिटायर होने के बाद पिछले 9 महीनों से आर्यन एविएशन कंपनी में सेवाएं दे रहे थे। हाल ही में उनके घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था और वे जल्द ही पारिवारिक पूजा कराने वाले थे।

सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया

हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने कई सख्त कदम उठाए:

  • दो दिन की रोक: मुख्यमंत्री धामी ने 15 और 16 जून को केदारनाथ रूट की सभी हेलीकॉप्टर सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया।
  • सुरक्षा समीक्षा: उच्च स्तरीय बैठक में हवाई यात्रा के लिए नई सुरक्षा प्रक्रियाएं तय की गईं।
  • कड़ी कार्रवाई: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आर्यन एविएशन की चारधाम उड़ानों पर रोक लगाई और दो पायलटों का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिया।
  • FIR दर्ज: खराब मौसम में उड़ान भरने के लिए कंपनी के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (culpable homicide) का मामला दर्ज किया गया है।

पिछले हादसों से सबक?

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चारधाम यात्रा रूट पर यह पहला हादसा नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की तेजी से बदलती स्थिति और हेलीकॉप्टर कंपनियों की लापरवाही मिलकर यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं।

आगे की तैयारी

राज्य सरकार अब मौसम पूर्वानुमान तंत्र को और मज़बूत कर रही है, पायलटों के चयन में अनुभव और प्रशिक्षण को प्राथमिकता दे रही है और देहरादून स्थित एक केंद्रीकृत एयर ट्रैफिक कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है।

केदारनाथ