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13 साल की लड़की ने भरतनाट्यम से जुटाए केरल राहत कोष के लिए 15 हजार रुपये

केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद एक 13 साल की लड़की ने तीन घंटे का भरतनाट्यम प्रदर्शन कर ₹15,000 जुटाए। मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया। जानें कैसे एक छोटी सी बच्ची ने बड़ी मुसीबत में लोगों की मदद की।

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Vaishali Garg
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13YO Performs 3 Hours Of Bharatnatyam For Kerala Landslide Relief Fund

Image Credit: Screenshot: @iprdkerala on X

केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण 30 जुलाई से लगातार हो रहे भूस्खलन ने भयानक तबाही मचाई है। अब तक 229 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और भारी संपत्ति का नुकसान हुआ है। हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और लगभग 130 लोग लापता हैं। बचाव दल लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बड़े-बड़े पत्थरों ने रास्ते अवरुद्ध कर दिए हैं जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है। पिछले कुछ हफ्तों से लगातार हो रही बारिश के कारण खूबसूरत जिला अब तबाही का मंजर बन गया है।

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13 साल की लड़की ने भरतनाट्यम से जुटाए केरल राहत कोष के लिए 15 हजार रुपये

मुख्यमंत्री राहत प्रयास में जुटे

इस त्रासदी के बीच, तमिलनाडु की एक 13 वर्षीय लड़की हरिणी श्री ने वायनाड भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए लगातार तीन घंटे भरतनाट्यम नृत्य किया। हरिणी ने अपनी बचत सहित ₹15,000 का दान मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिया। केरल सरकार ने 8 अगस्त को सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की।

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सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, हरिणी को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को दान राशि सौंपते और उन्हें अपने फोन पर प्रदर्शन का वीडियो दिखाते हुए देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया। जरूरतमंद लोगों के लिए हरिणी के इस नेक कार्य और कला के प्रति समर्पण की सोशल मीडिया पर काफी सराहना हो रही है।

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सोशल मीडिया पर हरिणी की तारीफ

इस विनाशकारी आपदा के बीच, मुख्यमंत्री विजयन ने अपने सोशल मीडिया पर बताया कि वह तेजी से बचाव कार्यों को करने के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने चूरमाला, मुंडक्कई, अट्टमाला और नूलपुझा जैसे प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों का भी मूल्यांकन किया है।

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स्कूल टीचरों का दुख

मुंडक्काई में एक स्कूल टीचर ने अपने कुछ छात्रों को भूस्खलन में खोने का गहरा दुख व्यक्त किया। सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूल में काम करने वाली शालिनी थानकाचन ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अपने छात्रों के साथ बिताए खुशनुमा पलों को याद किया और उन्हें ऑनलाइन शेयर किया।

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क्लास फोर की टीचर के एक वीडियो में वो अपने तीन छात्रों को साइकिल की सवारी करा रही थीं। ये वीडियो टीचर और छात्रों के प्यारे रिश्ते को बखूबी दिखाता है। शालिनी इस दुख से बेहद टूट गईं और बताया कि भूस्खलन में उनकी ये प्यारी छात्राएँ मर गईं। उन्होंने रोते हुए कहा, "हम परिवार की तरह थे।"

वेलारमाला के एक और स्कूल टीचर ने भी ऐसा ही दुख जताया। उनके छात्रों के साथ एक खुशमिजाज वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन वो भी इस त्रासदी में अपने कुछ छात्रों को खो बैठे। सरकारी वोकेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल के उन्नीकृष्णन ने बताया, "अब सब कुछ सिर्फ यादें बनकर रह गया है।"

भूस्खलन से कुछ दिन पहले ही मुंडक्काई के कई लोगों को भारी बारिश के चलते सुरक्षित जगहों पर जाने की सूझी थी। ऐसी ही एक महिला थी शकीरा, जिन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कैसे उन्होंने अपने परिवार को कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाने के लिए कहा और इस तरह वो बड़ी मुश्किल से इस आपदा से बच गए।

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शकीरा ने बताया कि उनकी अंतरात्मा ने उन्हें अपने पति मोहम्मद अलीस से मेप्पाड़ी ले जाने की जिद करने को कहा। पहले तो परिवार ने उनकी बात को बेवजह का डर बताया, लेकिन आखिरकार मान गए। कुछ ही घंटों बाद मुंडक्काई में भूस्खलन शुरू हो गया और उनके कुछ रिश्तेदार बह गए।

उनके पति अलीस ने बताया, "जाते वक्त हमने आसपास के कुछ लोगों को सुरक्षित जगह जाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और वहीं रह गए। मेरे पिता के भाई और उनका परिवार लापता है।" उन्होंने आगे कहा, "वहां सिर्फ हमारा घर बचा है, वो भी मलबे और कीचड़ से भरा हुआ है। बाकी सभी घर बह गए।"

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