Khandwa Gangrape: आदिवाशी महिला से गैंगरेप के बाद शरीर से बाहर निकलीं आंतें, पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आंतें बाहर निकल आईं थी और अत्यधिक खूब बहने से उसकी मौत हो गई।

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Priya Singh
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Khandwa Gangrape Of Tribal Woman Intestines Came Out Of Her Body, Revealed In Autopsy: मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के खंडवा जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ दो लोगों ने गैंगरेप किया। यह केवल एक यौन अपराध नहीं, बल्कि क्रूरता की पराकाष्ठा थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बताया कि पीड़िता के जननांगों पर गहरी चोटें थीं और उसकी आंतें शरीर से बाहर आ गई थीं। यह घटना समाज और व्यवस्था दोनों को झकझोर देने वाली है।

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Khandwa Gangrape: आदिवाशी महिला से गैंगरेप के बाद शरीर से बाहर निकलीं आंतें, पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा

23 मई की रात, 45 वर्षीय आदिवासी महिला एक स्थानीय शादी समारोह में शामिल होने के बाद आरोपी हरि पलवी (35) के घर गई थी। वहां दूसरा आरोपी सुनील धुर्वे (26) भी मौजूद था। तीनों ने साथ में शराब पी और उसी दौरान महिला के साथ सामूहिक बलात्कार (Gangraped) किया गया। महिला, आरोपी हरि को पहले से जानती थी। इस विश्वास को तोड़ते हुए आरोपियों ने न केवल उसका यौन उत्पीड़न किया बल्कि बेहद क्रूरता के साथ उसे शारीरिक क्षति भी पहुंचाई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रोंगटे खड़े कर देने वाले तथ्य

इंडिया टुडे टीवी द्वारा एक्सेस की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने घटना की गंभीरता को उजागर किया। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के साथ क्रूरता की सारी हदें पार की गईं। फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सीमा सुताय ने पुष्टि की कि पीड़िता की आंतें उसके शरीर से बाहर निकल गई थीं।

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उन्होंने बताया, “हमने मापा और पाया कि लगभग 176 सेंटीमीटर आंत शरीर से बाहर आ चुकी थी। पेट की आंतें भी फट गई थीं।” यह तभी संभव है जब आंतरिक अंगों को जबरदस्ती बाहर निकाला गया हो या उन्हें घातक चोट पहुंचाई गई हो। महिला का गर्भाशय सुरक्षित था, लेकिन जननांगों पर गंभीर चोटों के निशान थे। साथ ही, डगलस की थैली, जो आंतरिक प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा होती है, फट चुकी थी।

हत्या का कारण हाइपोवोलेमिक शॉक

डॉ. सुताय ने बताया कि महिला को अत्यधिक चिकित्सा आघात का सामना करना पड़ा था, जिससे वह हाइपोवोलेमिक शॉक में चली गई, एक ऐसी स्थिति जिसमें शरीर से अत्यधिक खून या तरल पदार्थ की हानि के कारण दिल प्रभावी रूप से रक्त पंप नहीं कर पाता। इससे महिला की स्थिति तेजी से बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी मौत हो गई। यह न केवल एक यौन हिंसा की घटना थी, बल्कि जानबूझकर की गई शारीरिक यातना थी।

घटना की जानकारी

महिला को अगली सुबह हरि की मां ने गंभीर अवस्था में पाया और पीड़िता के परिवार को सूचित किया। इसके बाद महिला ने खुद बताया कि उसके साथ सुनील और हरि ने बलात्कार किया था। कुछ ही घंटों में महिला की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, महिला के दो बच्चे हैं और वह भी उन्हीं की तरह कुर्कू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती थी। खंडवा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश रघुवंशी ने बताया कि प्रथम दृष्टया महिला की मौत गंभीर चोटों और खून बहने के कारण हुई है।

जांच और कानूनी कार्रवाई

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पुलिस ने हरि और सुनील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1), 66 और 70(1) के तहत सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले ही पुलिस को सौंप दी गई है और उसकी जानकारी जांच में शामिल कर ली गई है। जांचकर्ताओं ने बताया कि घटनास्थल से ऐसा कोई हथियार नहीं मिला जिससे अंदरूनी क्षति हुई हो, लेकिन आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने महिला के पेट में लात मारी थी।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और तुलना निर्भया कांड से

इस भयावह घटना की तुलना 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड से की जा रही है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। कांग्रेस पार्टी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि मध्य प्रदेश "बलात्कार राजधानी" बनता जा रहा है और मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य की कानून-व्यवस्था संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कांग्रेस ने फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग की है ताकि आरोपियों को शीघ्र और सख्त सजा मिल सके।

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