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बेंगलुरु हेडक्वार्टर वाली बायोटेक कंपनी - बायोकॉन की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ को आईएमसी लेडीज विंग वुमन ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें पिछले चार दशकों से वर्ल्ड ईवाई एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। उन्हें द मेडिसिन मेकर पावर 2020 में बायोफार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में दुनिया के बेस्ट 20 प्रेरणादायक लीडर्स में से एक के रूप में स्थान दिया गया है।
पुरस्कार जीतने पर, बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री वेटेरन ने कहा, "मैं भारत में उन सभी महिलाओं को यह पुरस्कार समर्पित करना चाहती हूं जो अपने प्रयासों के माध्यम से नेशन बिल्डिंग के कार्य में योगदान दे रही हैं, चाहे कितना भी बड़ा या छोटा हो। इस बहुत प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, जिसे मैं पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करती हूं। ”
और पढ़िए: हर महिला की प्रेरणा – किरण मजूमदार शॉ
"मिस किरण मजूमदार-शॉ एक चमकती हुई रोशनी है जिसने साइंस और केमिस्ट्री के क्षेत्र में एक सफल मार्ग बनाया है।" आईएमसी लेडीज विंग की प्रेजिडेंट व डीबीएस की चीफ एग्जीक्यूटिव और मैनेजिंग डायरेक्टर वनिता भंडारी ने कहा, "उनका विज़न, टैलेंट, डेडिकेशन और पहिलांथ्रोपिक इनिशिएटिव्स हमारे आईएमसी लेडीज विंग सदस्यों को उच्च आकांक्षा के लिए प्रेरित करती है।"
उनकी यात्रा और चुनौतियाँ :
" मैं 25 साल की थी जब मैंने शुरुआत की । मेरी यात्रा 40 साल पहले जेंडर बायस की वजह से शुरू हुई। ” बायोकॉन के बारे में बताते हुए शॉ ने बोला। ” मैंने अपना सफर गार्बेज की कंपनी से शुरू किया। मुझे पता था कि ये एक चैलेंज होने वाला है पर मैंने सफल होने का संकल्प ले रखा था। में यंग थी और कोई एक्सपीरियंस या कोलैटरल नहीं था। मुझे लोगों को हायर करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा। लोग महिला के लिए काम करने के लिए तैयार नहीं थे।” उन्होंने कही।
और पढ़िए : किरण मजूमदार शॉ की एन्त्रेप्रेंयूरियल जर्नी से यह सीख सकते हैं आप
लेकिन, वह जल्द ही ऐसे लोगो से मिली जिन्हीने उनके मिशन पे भरोसा किया, उनका साथ दिया और बायोकॉन को आज के मुकाम तक पहुँचाया।
आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की लेडीज विंग को पहली बार 1966 में सोशिओ- इकनोमिक जागरूकता (socio-economic awareness) बनाने और एंटरप्राइज़ की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच के रूप में पेश किया गया था। आज, यह महिला सशक्तिकरण को सेलिब्रेट करता है। यह पुरस्कार पहली बार वर्ष 1989 में विंग द्वारा स्थापित किया गया था ।
कड़ी मेहनत और एक्सेप्शनल एन्त्रेप्रेंयूरिअल स्किल्स के साथ, उन्होंने बायोकॉन को आज उच्चतम स्थान पर पहुंचा दिया।
10 जुलाई, 2020 तक, शॉ की कुल संपत्ति $ 4.1 बिलियन है।
पुरस्कार जीतने पर, बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री वेटेरन ने कहा, "मैं भारत में उन सभी महिलाओं को यह पुरस्कार समर्पित करना चाहती हूं जो अपने प्रयासों के माध्यम से नेशन बिल्डिंग के कार्य में योगदान दे रही हैं, चाहे कितना भी बड़ा या छोटा हो। इस बहुत प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, जिसे मैं पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करती हूं। ”
और पढ़िए: हर महिला की प्रेरणा – किरण मजूमदार शॉ
"मिस किरण मजूमदार-शॉ एक चमकती हुई रोशनी है जिसने साइंस और केमिस्ट्री के क्षेत्र में एक सफल मार्ग बनाया है।" आईएमसी लेडीज विंग की प्रेजिडेंट व डीबीएस की चीफ एग्जीक्यूटिव और मैनेजिंग डायरेक्टर वनिता भंडारी ने कहा, "उनका विज़न, टैलेंट, डेडिकेशन और पहिलांथ्रोपिक इनिशिएटिव्स हमारे आईएमसी लेडीज विंग सदस्यों को उच्च आकांक्षा के लिए प्रेरित करती है।"
"मुझे लोगों को हायर करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा। लोग महिला के लिए काम करने के लिए तैयार नहीं थे।” - किरण मजूमदार शॉ
उनकी यात्रा और चुनौतियाँ :
" मैं 25 साल की थी जब मैंने शुरुआत की । मेरी यात्रा 40 साल पहले जेंडर बायस की वजह से शुरू हुई। ” बायोकॉन के बारे में बताते हुए शॉ ने बोला। ” मैंने अपना सफर गार्बेज की कंपनी से शुरू किया। मुझे पता था कि ये एक चैलेंज होने वाला है पर मैंने सफल होने का संकल्प ले रखा था। में यंग थी और कोई एक्सपीरियंस या कोलैटरल नहीं था। मुझे लोगों को हायर करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा। लोग महिला के लिए काम करने के लिए तैयार नहीं थे।” उन्होंने कही।
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लेकिन, वह जल्द ही ऐसे लोगो से मिली जिन्हीने उनके मिशन पे भरोसा किया, उनका साथ दिया और बायोकॉन को आज के मुकाम तक पहुँचाया।
पोलिटिकल पार्टीज को इंट्रेप्रेनेउर्शिप के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए क्यूंकि उससे नौकरियां बढ़ती हैं। मैंने बायोकॉन के ज़रिये 20,000 नौकरियां बनाई। – किरण मजूमदार शॉ
आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की लेडीज विंग को पहली बार 1966 में सोशिओ- इकनोमिक जागरूकता (socio-economic awareness) बनाने और एंटरप्राइज़ की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच के रूप में पेश किया गया था। आज, यह महिला सशक्तिकरण को सेलिब्रेट करता है। यह पुरस्कार पहली बार वर्ष 1989 में विंग द्वारा स्थापित किया गया था ।
कड़ी मेहनत और एक्सेप्शनल एन्त्रेप्रेंयूरिअल स्किल्स के साथ, उन्होंने बायोकॉन को आज उच्चतम स्थान पर पहुंचा दिया।
10 जुलाई, 2020 तक, शॉ की कुल संपत्ति $ 4.1 बिलियन है।