Kirsty Coventry: पहली महिला और अफ्रीकी जिन्होंने ओलंपिक समिति की अध्यक्षता संभाली

ज़िम्बाब्वे की कर्स्टी कोवेंट्री ने इतिहास रचते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की पहली महिला और अफ्रीकी अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल किया। जानिए उनकी उपलब्धियाँ और नई भूमिका।

author-image
Vaishali Garg
New Update
kirsty coventry first woman ioc president

Photograph: (Fabrice Coffrini / AFP - Getty Images)

Kirsty Coventry first woman IOC Prresident: ज़िम्बाब्वे की दिग्गज एथलीट और खेल मंत्री कर्स्टी कोवेंट्री ने इतिहास रच दिया है। वह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की पहली महिला और पहली अफ्रीकी अध्यक्ष बनी हैं। 131 साल के IOC के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक क्षण है। अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए, दो बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता कोवेंट्री ने कहा, "यह इस बात का संकेत है कि हम वास्तव में एक वैश्विक समुदाय हैं।"

Advertisment

Kirsty Coventry: पहली महिला और अफ्रीकी जिन्होंने ओलंपिक समिति की अध्यक्षता संभाली

उन्होंने पहले ही दौर में 97 वोटों से जीत दर्ज की, जहां उन्होंने ब्रिटेन के सेबेस्टियन को, स्पेन के जुआन एंटोनियो समरांच जूनियर, फ्रांस के डेविड लापार्टिएंट, जॉर्डन के प्रिंस फैसल, स्वीडन के योहान एलियास और जापान के मोरिनारी वतनबे को हराया। उनकी जीत को खेल जगत में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

Advertisment

कौन हैं कर्स्टी कोवेंट्री?

कर्स्टी कोवेंट्री का जन्म 16 सितंबर 1983 को हरारे, ज़िम्बाब्वे में हुआ था। वह अपने देश की सबसे सफल ओलंपियन हैं, जिन्होंने 2004 एथेंस ओलंपिक और 2008 बीजिंग ओलंपिक में कुल सात पदक (जिसमें दो स्वर्ण पदक शामिल हैं) जीते थे।

खेल से संन्यास लेने के बाद, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2018 में ज़िम्बाब्वे की युवा, खेल, कला और मनोरंजन मंत्री बनीं। इसके अलावा, वह 2018 से 2021 तक IOC कार्यकारी बोर्ड की सदस्य भी रही हैं, जहां उन्होंने खिलाड़ियों के अधिकारों की वकालत की।

Advertisment

IOC अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका

कर्स्टी कोवेंट्री 23 जून 2025 को आधिकारिक रूप से IOC अध्यक्ष का पद संभालेंगी। यह दिन ओलंपिक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जिससे उनकी नियुक्ति और भी खास हो जाती है। वह IOC के 10वें अध्यक्ष के रूप में थॉमस बाख की जगह लेंगी।

इस नई भूमिका में उनके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ होंगी, जैसे—

Advertisment
  • ओलंपिक आयोजनों की बढ़ती लागत
  • वैश्विक राजनीति और खेल प्रशासन के जटिल समीकरण
  • खेलों में निष्पक्षता और समावेशन सुनिश्चित करना

उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान महिला खेलों में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया था। उनका कहना था कि यह निर्णय "खेलों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने" और "महिला वर्ग की अखंडता बनाए रखने" के लिए आवश्यक है।

Advertisment

ऐतिहासिक जीत पर कोवेंट्री की प्रतिक्रिया

अपनी जीत के बाद, उन्होंने कहा— "यह मेरे लिए अविश्वसनीय क्षण है। जब मैं 9 साल की थी, तब कभी नहीं सोचा था कि मैं इस मंच पर खड़ी होकर ओलंपिक आंदोलन को कुछ वापस देने का अवसर पाऊँगी।"

उनकी यह ऐतिहासिक जीत न केवल खेल जगत में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि अफ्रीकी खेल समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनकी नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वह ओलंपिक खेलों को अधिक समावेशी और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।