“तू बाहर मिल”: वकील की शर्मनाक हरकत, महिला जज को अदालत में धमकी

दिल्ली की अदालत में एक चेक बाउंस मामले के दोषी और उसके वकील ने महिला जज को खुलेआम धमकाया और गाली-गलौज की। जज ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

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Priya Singh
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Court (Freepik)

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In Delhi Lawyer Threatens Female Judge In Court: देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत में न्यायिक कार्यवाही के दौरान घटी एक शर्मनाक घटना ने न्याय व्यवस्था की सुरक्षा और गरिमा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। एक चेक बाउंस मामले में दोषी करार दिए गए आरोपी और उसके वकील ने फैसले से असंतुष्ट होकर महिला जज को खुलेआम धमकाया, गालियां दीं और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा पर आघात है, बल्कि महिला अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

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“तू बाहर मिल”:  वकील की शर्मनाक हरकत, महिला जज को अदालत में धमकी 

दिल्ली की एक अदालत में चेक बाउंस मामले की सुनवाई के दौरान अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हो गई, जब दोषी करार दिए गए आरोपी और उसके अधिवक्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट) शिवांगी मंगला को फैसले के बाद खुलेआम धमकाया। अदालत में मौजूद लोगों के अनुसार, आरोपी ने महिला जज पर चिल्लाते हुए गाली-गलौज की और क्रोधित होकर उन पर कोई वस्तु फेंकने की भी कोशिश की। यह देखकर अदालत परिसर में मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।

Bar and Bench की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए जज से कहा, "तू है क्या चीज... तू बाहर मिल, देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती है।" इस तरह की धमकी न्यायिक प्रणाली की नींव को चुनौती देने वाली है। जज शिवांगी मंगला ने खुद इस घटना को लेकर सख्त रुख अपनाया और इसका संज्ञान लेते हुए अगली कार्रवाई के निर्देश दिए।

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फैसला बदलने और इस्तीफे का दबाव

घटना की गंभीरता केवल मौखिक धमकियों तक सीमित नहीं रही। आरोपी ने कथित रूप से जज पर फैसले में बदलाव करने और इस्तीफा देने का भी दबाव बनाया। उन्होंने जज से आरोपी को बरी करने की मांग की, जो कि न्यायिक प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है। जज ने यह स्पष्ट किया कि वह सभी बाधाओं के बावजूद न्याय के पक्ष में डटी रहेंगी और किसी भी प्रकार की धमकी या दबाव में नहीं आएंगी।

राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत और आगे की कार्रवाई

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जज ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में दर्ज कराने का निर्देश दिया है। अदालत की टिप्पणी में कहा गया, "हस्ताक्षरकर्ता इस तरह की धमकी और उत्पीड़न के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली के समक्ष आरोपी के खिलाफ उचित कदम उठाएंगे।" यह निर्णय न्यायपालिका में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान बनाए रखने की दिशा में एक आवश्यक कदम माना जा रहा है।

दोषी के वकील को कारण बताओ नोटिस जारी

इस मामले में आरोपी के वकील अतुल कुमार की भूमिका भी जांच के घेरे में है। उन पर महिला जज के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है। अदालत ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसमें पूछा गया है कि उनके आचरण के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। नोटिस में यह भी उल्लेख है कि वकील को लिखित में स्पष्टीकरण देना होगा कि उनके व्यवहार को न्यायालय की अवमानना क्यों न माना जाए।

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