Lok Sabha Election 2024: बारामती लोकसभा 2024 चुनाव में सुप्रिया सुले अपने प्रतिद्वंद्वी सुनैत्रा पवार, जो उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष अजीत पवार की पत्नी हैं, से आगे चल रही हैं। यह चुनाव पवार परिवार के भीतर एक दिलचस्प पारिवारिक संघर्ष को उजागर करता है।
बारामती लोकसभा चुनाव 2024: सुप्रिया सुले और सुनैत्रा पवार के बीच रोमांचक मुकाबला
चुनावी मुकाबले में पारिवारिक टकराव
बारामती लोकसभा क्षेत्र का चुनाव 2024 एक रोमांचक पारिवारिक संघर्ष से घिर गया है, जहां सभी की नजरें पवार परिवार पर टिकी हैं। अजीत पवार की पत्नी सुनैत्रा पवार, अपनी ननद सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, जो महत्वपूर्ण बढ़त बनाए हुए हैं। यह पारिवारिक राजनीतिक प्रतिस्पर्धा चुनावी विश्लेषकों और मतदाताओं दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। Maharashtra Election 2024
NEWS ALERT । NCP (Sharad Pawar) Supriya Sule leading by 40,398 votes in Baramati constituency of Maharashtra.#LSResultsWithPTI#LSPolls2024WithPTI#LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/IiboshWXM3
— Press Trust of India (@PTI_News) June 4, 2024
प्रारंभिक रुझान और संभावनाएं
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अपनी ननद सुनैत्रा पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। प्रारंभिक रुझानों में सुप्रिया सुले की बढ़त से यह संकेत मिलता है कि चुनावी माहौल उनके पक्ष में बदल रहा है। हालांकि, चुनावी दौड़ अभी भी अनिश्चित है और दोनों उम्मीदवार बारामती क्षेत्र में राजनीतिक वर्चस्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
बारामती की राजनीति में हलचल
पवार परिवार के गढ़ बारामती में एक बैनर ने सुनैत्रा पवार को "आगामी सांसद" के रूप में प्रस्तुत किया है। उनके फोटो के साथ इस घोषणा ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में चर्चाओं और अटकलों को जन्म दिया है। आगामी लोकसभा चुनाव में सुनैत्रा पवार और सुप्रिया सुले के संभावित आमने-सामने की स्थिति ने उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।
सुनैत्रा पवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि
सुनैत्रा पवार की राजनीति में एंट्री महज संयोग नहीं है, बल्कि एक लंबी विरासत का हिस्सा है। वह अजीत पवार की पत्नी हैं, जो खुद एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से आते हैं। सुनैत्रा के भाई पदमसिंह पाटिल भी एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और पूर्व मंत्री हैं।
पवार परिवार और बारामती की विरासत
बारामती लोकसभा क्षेत्र पवार परिवार के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। शरद पवार ने बारामती से कई महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव जीते हैं। सुप्रिया सुले, शरद पवार की बेटी, ने 2009 से लगातार तीन बार बारामती लोकसभा सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। अजीत पवार ने 1991 में बारामती लोकसभा चुनाव जीता और इसके बाद सात विधानसभा कार्यकालों में भी विजय प्राप्त की।
राजनीतिक संबंधों से परे
सुनैत्रा पवार राजनीतिक संबंधों से परे एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं। उन्होंने 2010 में स्थापित एनवायरनमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की स्थापना की और जैविक खेती को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय मुद्दों पर काम किया। वह विद्या प्रतिष्ठान के ट्रस्टी के रूप में भी सेवा कर रही हैं।
फ्रांस के वर्ल्ड एंटरप्रेन्योरशिप फोरम की सदस्य के रूप में, सुनैत्रा पवार ने स्थायी प्रथाओं और पर्यावरण अनुकूल पहलों में योगदान दिया है। उनके प्रयासों को नर्मल ग्राम पुरस्कार और साइबर ग्राम पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
पवार परिवार के बारामती से ऐतिहासिक संबंध और सुनैत्रा पवार की प्रभावशाली सामाजिक पहलों ने इस चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। बारामती के मतदाता अब केवल पारिवारिक संबंधों से परे जाकर अपने निर्वाचन क्षेत्र के भविष्य का निर्णय करने के लिए तैयार हैं। इस लोकसभा चुनाव में पवार परिवार की कहानी न केवल राजनीतिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।