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मेजर जनरल माधुरी कानितकर को प्रमोशन मिल चुका और अब वह लेफ्टिनेंट जनरल के रैंक पर पहुँच चुकी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रमोशन से वह भारत की तीसरी महिला लेफ्टिनेंट जनरल बनी हैं और भारत की पहली पीडिअट्रिशन हैं जो आर्म्ड फोर्सेज के दूसरे सबसे ऊँचे रैंक तक पहुंची हैं। उन्हें प्रमोशन तो पिछले साल ही मिल गया था, लेकिन उन्होंने कार्यभार एक हफ्ते पहले से संभाला।
यह सब तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर-अंदर परमानेंट कमीशन दी जानी चाहिए। उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ़ इंटीग्रेटेड डिफेन्स स्टाफ (डीसीआईडीएस), मेडिकल (डिफेन्स स्टाफ के चीफ के तहत) नई दिल्ली में पोस्टिंग मिली है। उनके पति, राजीव, पिछले साल इसी पोस्ट से रिटायर हुए। वह पिछले 37 वर्षों से थे और माधुरी कानितकर को यहाँ तक पहुंचाने में उनका काफी बड़ा हाथ है।
जहाँ राजीव को खडकवासला में नेशनल डिफेन्स अकडेमी से पास होने पर राष्ट्रपति का गोल्ड मैडल मिला था, वहीं माधुरी को यह आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी), पुणे की सबसे अच्छी छात्रा होने पर मिला। माधुरी सेना की पहली ट्रेंड पीडिअट्रिक नेफ्रोलॉजिस्ट हैं, और अपने पति के साथ उन्होंने पुणे व दिल्ली में बच्चों में होने वाली किडनी की बीमारियों के लिए यूनिट खोले हैं।
वह पिछले साल से उधमपुर में सेना के नॉर्थेर्न कमांड में मेजर जनरल मेडिकल के रूप में सेवा कर रही हैं। यही नहीं, वह प्रधान मंत्री के साइंटिफिक व टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सदस्य भी हैं।
आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल पुनिता अरोड़ा ऐसी पहली महिला अफसर थीं जिन्होनें यह पद हासिल किया था। तीन सितारों वाले इस रैंक पर पहुँचने वाली तीसरी महिला थीं भारतीय वायु सेना की पहली एयर मार्शल, पद्मावती बनोपाध्याय।
यकीनन, माधुरी देश की हज़ारों लड़कियों के लिए प्रेरणादायक बनी हैं, और हम सभी को उन पर गर्व होना चाहिए।
यह सब तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर-अंदर परमानेंट कमीशन दी जानी चाहिए। उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ़ इंटीग्रेटेड डिफेन्स स्टाफ (डीसीआईडीएस), मेडिकल (डिफेन्स स्टाफ के चीफ के तहत) नई दिल्ली में पोस्टिंग मिली है। उनके पति, राजीव, पिछले साल इसी पोस्ट से रिटायर हुए। वह पिछले 37 वर्षों से थे और माधुरी कानितकर को यहाँ तक पहुंचाने में उनका काफी बड़ा हाथ है।
सेना में कानितकर ऐसे पहले कपल हैं जो इस रैंक तक आये हैं।
जहाँ राजीव को खडकवासला में नेशनल डिफेन्स अकडेमी से पास होने पर राष्ट्रपति का गोल्ड मैडल मिला था, वहीं माधुरी को यह आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी), पुणे की सबसे अच्छी छात्रा होने पर मिला। माधुरी सेना की पहली ट्रेंड पीडिअट्रिक नेफ्रोलॉजिस्ट हैं, और अपने पति के साथ उन्होंने पुणे व दिल्ली में बच्चों में होने वाली किडनी की बीमारियों के लिए यूनिट खोले हैं।
"इस चैल्लेंजिंग व मुश्किल ज़िंदगी के चलते हमनें अपनी शादी के 36 में से सिर्फ 12 साल ही साथ गुज़ारे हैं, लेकिन यह वर्थ इट था। मेरे पति ने हमेशा मेरा सहयोग किया और मुझे कभी कोशिश नहीं छोड़ने दी", कहना है नई-नवेली लेफ्टिनेंट जनरल का।
वह पिछले साल से उधमपुर में सेना के नॉर्थेर्न कमांड में मेजर जनरल मेडिकल के रूप में सेवा कर रही हैं। यही नहीं, वह प्रधान मंत्री के साइंटिफिक व टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सदस्य भी हैं।
आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल पुनिता अरोड़ा ऐसी पहली महिला अफसर थीं जिन्होनें यह पद हासिल किया था। तीन सितारों वाले इस रैंक पर पहुँचने वाली तीसरी महिला थीं भारतीय वायु सेना की पहली एयर मार्शल, पद्मावती बनोपाध्याय।
यकीनन, माधुरी देश की हज़ारों लड़कियों के लिए प्रेरणादायक बनी हैं, और हम सभी को उन पर गर्व होना चाहिए।