मध्य प्रदेश में पत्नी की नौकरी पर पति कर रहा था काम, 55 लाख के घोटाले ने खोली पोल

रीवा की बाणसागर परियोजना में पति ने पत्नी की जगह कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करते हुए 55 लाख रुपये का घोटाला किया। वर्षों से चल रही इस साजिश ने सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार की परतें खोल दी हैं।

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Priya Singh
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Madhya Pradesh Husband Was Working On His Wife's Job, A Scam Of Rs 55 Lakhs Exposed The Truth: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक ऐसा चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जिसने सरकारी तंत्र की लापरवाही की पोल खोल दी है। बाणसागर परियोजना में एक कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी पर सालों से पत्नी की जगह उसका पति काम कर रहा था और इस दौरान उसने करीब 55 लाख रुपये का गबन कर डाला। यह मामला न केवल सरकारी व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, बल्कि भ्रष्टाचार की गहराई को भी दिखाता है।

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मध्य प्रदेश में पत्नी की नौकरी पर पति कर रहा था काम, 55 लाख के घोटाले ने खोली पोल

खबरों के अनुसार, रीवा जिले की बहुचर्चित बाणसागर परियोजना एक बार फिर घोटाले के कारण सुर्खियों में है। इस बार मामला कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष गुप्ता से जुड़ा है, जिसने अपनी पत्नी दुर्गेश गुप्ता की नियुक्ति के बावजूद खुद उसकी जगह कार्यालय में काम किया और विभाग को करोड़ों का चूना लगा दिया।

जांच में सामने आया कि संतोष ने वर्ष 2019-20 और 2020-21 के बीच 55 लाख रुपए का घोटाला किया। उसने एक मृत कर्मचारी गिरीश कुमार मिश्रा के खाते में 35.53 लाख रुपए ट्रांसफर किए और उसमें से 1.6 लाख रुपए छोड़ बाकी अपने खाते में डाल दिए। इतना ही नहीं, उसने सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत भी अलग-अलग वित्तीय वर्षों में कुल 36.94 लाख और 18.43 लाख रुपए का गबन किया।

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लोकायुक्त कार्यालय में पहले से ही आरोपी के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, बावजूद इसके वह वर्षों से विभाग में सक्रिय था। यह हैरानी की बात है कि संतोष गुप्ता विभाग में लंबे समय तक कार्यरत रहा लेकिन किसी ने आपत्ति नहीं जताई।

रीवा पुलिस ने आरोपी संतोष गुप्ता और उसकी पत्नी दुर्गेश गुप्ता के खिलाफ अलग-अलग FIR दर्ज कर ली है। वहीं, नगर पुलिस अधीक्षक शिवाली चतुर्वेदी के अनुसार, मामले की जांच जारी है और अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है। बाणसागर परियोजना में पहले भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं लेकिन अधिकतर मामलों में आरोपियों को सजा नहीं मिल पाई। यही कारण है कि भ्रष्टाचार का यह सिलसिला अब भी बदस्तूर जारी है।

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