यह एक दिल दहला देने वाली घटना है। दिल्ली में एक 32 वर्षीय व्यक्ति को अपनी नवजात जुड़वा बेटियों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी, नीरज सोलंकी, कथित तौर पर बेटे की चाह रखता था और जुड़वा बेटियों के जन्म से नाखुश था।
बेटियों की पैदाइश से नाराज दिल्ली के व्यक्ति ने नवजात जुड़वा बच्चियों को मार डाला
कैसे हुआ खुलासा?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 3 जून को उन्हें पीसीआर कॉल के जरिए इस घटना की जानकारी मिली। कॉल करने वाले ने बताया कि उसके साले ने अपनी नवजात जुड़वा बच्चियों की हत्या कर उन्हें दफना दिया है।
इस सूचना के बाद, पुलिस ने उस स्थान पर टीम तैनात की जहां बच्चियों को दफनाया गया था। शव निकालने के लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति ली गई। 5 जून को शवों को निकालकर मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया गया।
पोस्टमॉर्टम और गिरफ्तारी
6 जून को शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया और फिर उन्हें बच्चियों के मामा को सौंप दिया गया। हालांकि, मौत के कारण का पता लगाने के लिए आंतरिक अंगों को सुरक्षित रखा गया है।
दूसरी तरफ, बच्चियों की मां ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की। आखिरकार 13 पुलिसकर्मियों की एक टीम ने सोलांकी को हरियाणा के रोहतक के सांपला से गिरफ्तार कर लिया।
अपराध स्वीकारना
पूछताछ के दौरान, सोलांकी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि वह बेटियों के जन्म से दुखी था क्योंकि उसे बेटा चाहिए था। उसने यह भी बताया कि वह बच्चियों को रोहतक से दिल्ली लाया और फिर उनकी हत्या कर दी। उसने अपनी पत्नी से झूठ बोला कि बीमारी के कारण बच्चियों की मौत हो गई। आरोप है कि सोलांकी और उसके परिवार ने पूरी रात बच्चियों को खाना नहीं दिया जिससे उनकी मौत हो गई।
हालांकि, अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए आंतरिक अंगों को जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। पुलिस ने सोलांकी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना समाज में बेटी भ्रूण हत्या और लिंगभेद की जघन्य समस्या को उजागर करती है। हमें इस तरह की सोच को खत्म करने और बेटियों को सम्मान देने की जरूरत है।