Maneka Gandhi: स्वंय सहायता समूह से जुड़ी एक खबर सामने आ रही है। सुल्तानपुर जिले के तीन दिवसीय दौरे में आईं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने यहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओँ को लेकर जरूरी बात की। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि किस तरह महिलाएं अपनी आय को बढ़ा सकती हैं। महिलाएं बकरी और गधी के दूध से साबुन बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं।
मालूम हो पहले से ही स्वयं सहायता समूह बहुत से भारत से जुड़ी चीजों में काम करते आए हैं। इससे पहले गोबर से बने दिए भी बहुत प्रचलन में आए थे। ऐसेेे ही इस समय बकरे और गधी के दूध से बने साबुन की खबर सराहनीय है। सांसद मेनका गांधी की मानें तो इन साबुनों की कीमत भी आसान नहीं होती बल्कि ये एक साबुन 500 रुपए में आता है। ऐसे में स्वयं सहायता समूह इस पर काम कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
एक साबुन की कीमत है 500 रुपए
सांसद मेनका गांधी ने सुल्तानपुर के हर्ष महिला महाविद्यालय में अपने संबोधन में ये बात कही। सांसद मेनका गांधी ने बकरी और गधी के दूध से बने साबुन की प्रशंसा करते हुए बताया कि इस साबुन के जरिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपनी आय को बढ़ा सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस साबुन की कीमत 500 रुपए है।
सौंदर्य बढ़ाता है गधी का दूध
सांसद मेनका गांधी की मानें तो गधी के दूध से बने साबुन से विदेशी रानी नहाती थी। उन्होंने संबोधन में ये जानकारी भी दी कि लद्दाख में गधे कम हो रहे हैं। इसके साथ ही सांसद मेनका गांधी ने बताया कि महिलाएं चिकनकारी और गोबर के कंडे से भी अपना जीविकोपार्जन कर सकती हैं। उन्होंने ये जिम्मेदारी भी ली कि इसके लिए महिलाओं को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा।
बता दें इस तरह बकरी और गधे के दूध से बने साबुन को बनाने से न केवल गधे और बकरी की सुरक्षा हो सकेगी बल्कि ये महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकेगा। स्वयं सहायता समूह के जरिए की जा रही इस तरह की शुरुआत एक सराहनीय कदम है। विशेषज्ञों की मानें तो गधी के दूध के हेल्थ बेनीफिट्स के साथ-साथ उससे सौंदर्य प्रोडक्स भी बन रहे हैं। माना जाता है कि गधी का दूध सौंदर्य के लिए फायदेमंद होता है।