Mahakumbh में लगी आग, बचाव अभियान जारी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र के शंकराचार्य मार्ग स्थित सेक्टर 18 में शुक्रवार, 7 फरवरी को आग लग गई। अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया है।

Vaishali Garg & Priya Singh
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Image Credit: ANI

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र के शंकराचार्य मार्ग के सेक्टर 18 में शुक्रवार, 7 फरवरी को आग लग गई। मौके पर कई दमकल गाड़ियां भेजी गईं और बचाव कार्य अभी जारी है। खाक चौक थाने के इंस्पेक्टर योगेश चतुर्वेदी ने बताया, "ओल्ड जीटी रोड पर तुलसी चौराहा के पास एक कैंप में आग लग गई। हालांकि, दमकल कर्मियों ने आग पर काफी हद तक काबू पा लिया है।" उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग के अधिकारी ऑपरेशन की निगरानी के लिए मौके पर पहुंच गए हैं।

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Mahakumbh में लगी आग, बचाव अभियान जारी

पिछले महीने 29 जनवरी की सुबह प्रयागराज में महाकुंभ मेले में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। यह घटना कथित तौर पर तब हुई जब श्रद्धालु मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर घाट पर अमृत स्नान (पवित्र डुबकी) के लिए कतार में खड़े थे। हालांकि, बैरिकेड्स टूट गए, जिससे लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रिपोर्टों के अनुसार, प्रयागराज के सभी अस्पतालों को 'हाई अलर्ट' पर रखा गया था और सभी डॉक्टरों को तुरंत अस्पतालों में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। महाकुंभ में भीड़ को मोड़ने की योजना लागू की गई थी और श्रद्धालुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

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घटना का विवरण

मौनी अमावस्या के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए एकत्रित हुए थे। विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि संगम घाट पर बैरिकेड टूटने के कारण भीड़ को नियंत्रित करना कठिन हो गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। कई महिलाएं दम घुटने के कारण बेहोश हो गईं और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

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प्रशासन ने सभी अस्पतालों को 'हाई अलर्ट' पर रखा और सभी डॉक्टरों को तुरंत अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक भीड़ मोड़ योजना लागू की गई और श्रद्धालुओं के प्रवेश को सीमित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल राहत उपायों के संबंध में बात की। अधिकारियों ने अन्य स्थानों पर इसी तरह की घटनाओं से बचने के लिए पंटून पुलों को बंद कर दिया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से निकटतम घाट पर स्नान करने और संगम नोज की ओर जाने से बचने की अपील की।

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महाकुंभ मेले का महत्व

महाकुंभ मेला हर 12 वर्ष में प्रयागराज में आयोजित होता है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए एकत्रित होते हैं। माना जाता है कि इस दौरान संगम में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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सुरक्षा उपाय और चुनौतियाँ

महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन के दौरान प्रशासन के लिए भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती होती है। हालांकि, इस बार की घटना ने सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े किए हैं। भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए प्रशासन को और अधिक सख्त और प्रभावी सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता है।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर पुनर्विचार की आवश्यकता को उजागर किया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को और अधिक सतर्कता और तैयारी की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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