विज्ञान की दुनिया में भारतीय महिलाएं: जिनकी उपलब्धियां पूरी दुनिया में गूंज रही हैं

जानिए भारत की उन महान महिला वैज्ञानिकों के बारे में, जिन्होंने अंतरिक्ष, चिकित्सा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कंप्यूटर विज्ञान में क्रांतिकारी उपलब्धियां हासिल कर दुनिया में अपनी पहचान बनाई।

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Vaishali Garg
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Women In Science

Nandini Harinath, Geetha Manjunath, Soumya Swaminathan

भारत वैज्ञानिक उपलब्धियों के मामले में एक समृद्ध इतिहास रखता है, जहां कई महान वैज्ञानिकों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अंतरिक्ष की गहराइयों से लेकर जीवनरक्षक चिकित्सा शोध तक, भारतीय वैज्ञानिकों ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। लेकिन महिलाओं के योगदान को अक्सर नजरअंदाज किया जाता रहा है। इसके बावजूद, वे सभी रूढ़ियों को तोड़ते हुए नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रही हैं।

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11 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस (International Day of Women and Girls in Science) के रूप में मनाया जाता है, ताकि विज्ञान में महिलाओं की भूमिका को सराहा जा सके। आइए जानते हैं उन भारतीय महिलाओं के बारे में, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर देश का नाम रोशन किया है।

विज्ञान की दुनिया में भारतीय महिलाएं: जिनकी उपलब्धियां पूरी दुनिया में गूंज रही हैं

1. नंदिनी हरिनाथ: मंगलयान मिशन की सफलता में अहम भूमिका

नंदिनी हरिनाथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक प्रमुख रॉकेट वैज्ञानिक हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों में योगदान दिया है, जिनमें मंगलयान (Mars Orbiter Mission) और चंद्रयान (Lunar Mission) जैसे उपग्रह मिशन शामिल हैं।

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उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर इंजीनियर की थी और धीरे-धीरे मिशन प्लानिंग एवं सिस्टम इंजीनियरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नंदिनी का कहना है कि जब उन्होंने इसरो में काम शुरू किया था, तब बहुत कम महिलाएं इस क्षेत्र में थीं, क्योंकि अंतरिक्ष मिशनों के दौरान लंबे समय तक काम करना पड़ता था। लेकिन अब, कई महिलाएं मिशन डायरेक्टर के रूप में कार्य कर रही हैं, जिससे यह साबित होता है कि वे इस क्षेत्र में पूरी तरह से भरोसेमंद और सक्षम हैं।

2. निगार शाजी: भारत की सौर मिशन डायरेक्टर

निगार शाजी एक अंतरिक्ष इंजीनियर (Aerospace Engineer) और आदित्य L1 मिशन (Aditya L1 Mission) की परियोजना निदेशक (Project Director) हैं। यह मिशन सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला समर्पित सौर मिशन है।

उन्होंने 1987 में इसरो के यू. आर. राव सैटेलाइट सेंटर से अपने करियर की शुरुआत की थी और कई महत्वपूर्ण उपग्रह परियोजनाओं में योगदान दिया है। इसके अलावा, वे भारत के प्रस्तावित शुक्र ग्रह मिशन (Venus Mission) के अध्ययन निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं।

3. गीता मंजुनाथ : कृत्रिम बुद्धिमत्ता से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति

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गीता मंजुनाथ कंप्यूटर वैज्ञानिक (Computer Scientist) हैं और उन्होंने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई दिशा दी है। वे NIRAMAI Health Analytix की संस्थापक हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित गैर-आक्रामक और रेडिएशन-फ्री ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग तकनीक पर काम करता है।

उनका यह इनोवेशन उन महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है, जो नियमित मैमोग्राफी जांच से बचना चाहती हैं। इस तकनीक की मदद से कैंसर की जल्द पहचान कर इलाज संभव हो सकता है।

4. सौम्या स्वामीनाथन: महामारी अनुसंधान की प्रमुख वैज्ञानिक

डॉ. सौम्या स्वामीनाथन एक जानी-मानी क्लिनिकल वैज्ञानिक (Clinical Scientist) हैं, जिन्होंने एचआईवी (HIV) और क्षय रोग (Tuberculosis) पर शोध किया है। 2019 से 2022 तक, वे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक (Chief Scientist) रहीं और कोविड-19 महामारी के दौरान उनके शोध और सूचनाएं बहुत उपयोगी साबित हुईं।

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उनकी विशेषज्ञता ने वैश्विक स्वास्थ्य नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे उन्होंने विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम ऊंचा किया है।

5. संघमित्रा बंद्योपाध्याय: मशीन लर्निंग और बायोइन्फॉर्मेटिक्स में क्रांति

संघमित्रा बंद्योपाध्याय एक कंप्यूटर वैज्ञानिक (Computer Scientist) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI), कोलकाता की निदेशक हैं। वे इस प्रतिष्ठित संस्थान की पहली महिला निदेशक बनीं।

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उन्होंने मशीन लर्निंग (Machine Learning), पैटर्न रिकॉग्निशन (Pattern Recognition), इवोल्यूशनरी कंप्यूटिंग (Evolutionary Computing) और बायोइन्फॉर्मेटिक्स (Bioinformatics) जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध किए हैं।

2022 में, भारत सरकार ने उन्हें विज्ञान और इंजीनियरिंग में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा। वे प्रधानमंत्री के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद की सदस्य भी हैं।

भारत की ये महान वैज्ञानिक महिलाएं न केवल अपने क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रही हैं, बल्कि अगली पीढ़ी की महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। अंतरिक्ष विज्ञान, चिकित्सा, कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय है। आज भी विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक असमानता बनी हुई है, लेकिन ये महिलाएं यह साबित कर रही हैं कि अगर अवसर मिले, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। क्या हमें विज्ञान के क्षेत्र में अधिक महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए? आपकी राय क्या है?

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