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आइये देखे हमारी 2 टीचर्स का योगदान
नर्सरी राइम्स से कोविड 19 की जागरूकता फैलाने वाली औरंगाबाद की एक टीचर- सुनीता नागकीर्ति
सुनीता नागकीर्ति स्काउट्स एंड गाइड्स की एक क्लब मास्टर हैं| उनको कोरोना वायरस के बारे में औरंगाबाद के लोगों को जागरूक करने का और कम्युनिटी हेल्थ गाइडलाइन्स के बारे में पढ़ाने का ज़िम्मा मिला है।
उन्हें देखना है कि गांवों और शहरों में सब जागरूक रहें ताकि वो लोग खुद को सेफ रख सकें। उन्हें ये भी चेक करना है कि लोग सरकार द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं कि नही। सुनीता ने एक अलग और इनोवेटिव तरीका निकाला है और वो बच्चों को नर्सरी राइम के ज़रिए कोरोना के बारे में बता रहीं हैं।
इस पान्डेमिक के होने से क्या क्या हो सकता है इसे वो कविताओं से पढ़ा रही हैं। स्लम्स के बच्चों को जागरूक करने के लिए वो मराठी में खुद बनायी हुई नर्सरी राइम्स सुना रही हैं और उन्हें 20 सेकंड तक कैसे हाथ धोने हैँ बता रहीं है। लोगों को ये कविताएं कोरोना वाइरस से बचने के लिए लेने वाले प्रेकौशन के बारे में जागरूक कर रहीं हैं।
मैथ्स वर्कशीट तैयार करके उसे बेच कर जमा हुए पैसो को कोविड 19 के राहत कोष में दान करने वाली टीचर- सरोजा सुंदराजन
85 साल की सरोजा सुंदराजन जो कि मैथ्स टीचर हैं, फन मैथ्स वर्कशीट बेच कर वो कोरोना वायरस की वजह से होने वाले इम्पैक्ट के लिए फंड्स जमा कर रही हैं। सरोज ने टीनएजर सिद्धान्त सिन्हा के साथ एक वेबसाइट खोली है जिसका नाम है मैथ फंड्स इंडिया। वो अपनी एक्टिविटी शीट्स 6 से लेकर 8 कक्षा तक के बच्चों के लिए रखती हैं।
ये ना सिर्फ पैसे जमा करने और बच्चों के लिए पढ़ने का साधन है बल्कि उनके लिए भी एक अकेलेपन से ध्यान हटाने के लिए एक एक्टिविटी है।
"जब मैंने पूरी दुनिया को कोरोना से लड़ते हुए देखा तो मुझे लगा मुझे मदद करनी चाहिए। हज़ारो रिक्वेस्ट आती डोनेशन करने की मांग करते हुए। मुझे लगा मुझे कुछ अलग करना चाहिए। जब लोग मेरी वर्कशीट खरीदें तो उन्हें भी सोसाइटी की मदद करने के बदले कुछ प्राप्त होना चाहिए।" सरोजा कहती हैं।
कलेक्शन का लक्ष्य पूरा होजाने पर बाकी के पैसों को किसी अच्छे कार्य मे लगाया जाएगा।