Mifepristone Tablet: गर्भपात से जुड़ी एक खबर सामने आ रही है। खबर के अनुसार अमेरिका में मिफेप्रिस्टोन नाम की टेबलेट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि मिफेप्रिस्टोन नाम की इस टेबलेट को कई देशों ने इसे मंजूरी दे रखी है। इसके साथ ही मिफेप्रिस्टोन नाम की इस दवा को बहुत-सी जगहों में मिसोप्रोस्टोल नाम की दवा के
साथ लिया जाता है।
दैनिक जागरण की इस खबर के अनुसार टेक्सस में एक संघीय न्यायाधीश ने मिफेप्रिस्टोन पर देशव्यापी बैन लगाने की सबसे पहले मुहिम शुरु की थी। इसके बाद से ही बहुत से संगठन इस मिफेप्रिस्टोन नाम की दवा को लेकर विरोध में आगे आ रहे हैं। खासतौर से इनमें गर्भपात विरोधी कार्यकर्ता ज्यादा शामिल हैं।
क्या है मिफेप्रिस्टोन दवा
दरअसल खबर की मानें तो मिफेप्रिस्टोन दवा एक तरह की दवा है जिसे गर्भपात के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका जो मुख्य काम है वो प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन को ब्लॉग करना है जिससे गर्भ ठहरता है। खबर की मानें तो इस दवा को गर्भवस्था के दौरान 10 दिनों तक खाया जाता है। कहीं-कहीं इसे दूसरी दवा मिसोप्रोस्टोल के साथ खाया जाता है। लोगों का ऐसा दावा है कि इस मिफेप्रिस्टोन नामक दवा का इस्तेमाल जन्म से पहले ही बच्चे को मारने में किया जा रहा है, ऐसे में इस दवा का देशव्यापी विरोध चल रहा है।
शीर्ष न्यायालय ने बैन को किया खारिज
विरोध इसलिए भी बढ़ गया है कि अमेरिका के शीर्ष न्यायालय में मिफेप्रिस्टोन नाम की दवा बनाने वाली कंपनी डैंको लेबोरेटरीज ने शीर्ष न्यायलय से निचलती अदालतों के बैन को लेकर सवाल पूछे थे। शीर्ष न्यायलय ने इस पर बैन न लगाते हुए इसका बिकना बरकरार रखा हुआ है। शीर्ष न्यायालय ने निचली अदालतों के प्रतिबंधों को खारिज कर दिया है। हालांकि मुकदमा अभी न्यायालय में जारी है।
खबर की मानें तो मिफेप्रिस्टोन टेबलेट का इस्तेमाल ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देशों में किया जा रहा है। फ्रांस ने इस दवा को सबसे पहले मंजूरी दी थी। इसके साथ ही 70 देशों में इसका इस्तेमाल पहले से ही चल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस दवा को 5 मिलियन से ज्यादा लोग ले रहे हैं। अमेरिका में इसका ज्यादा इस्तेमाल है।