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लेकिन, ऐसे वक़्त में भी कुछ लोग हैं जो अपनी जान दांव पर लगा कर आपके व हमारे लिए काम कर रहें हैं। यह हैं हमारे डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिस व आर्मी वाले, और हमारे साइंटिस्ट्स। ऐसी ही एक प्रेरणादायक महिला हैं मीनल दखावे भोसले, जिन्होंने अपनी डिलीवरी से कुछ ही देर पहले भारत को उसकी पहली कोविड-19 टेस्टिंग किट दी।
आइये जानते हैं इस बारे में कुछ एहम बातें
1. मीनल पुणे की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर मायलैब डिस्कवरी में इसके लिए काफी काम किया।
2. यह भारत की पहली फर्म है, जिसे कोरोनावायरस के लिए टेस्टिंग किट बनाने व बेचने के लिए पूरी तरह से सहमति मिली है।
3. इंडियन कॉउन्सिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) मुताबिक़, सिर्फ मायलैब ही ऐसी भारतीय कंपनी है जिसके 100 प्रतिशत रिजल्ट आये हों।
मीनल दखावे भोसले ने अपनी डिलीवरी से कुछ ही देर पहले भारत को उसकी पहली कोविड-19 टेस्टिंग किट दी।
4. मीनल मायलैब की रिसर्च व डेवलपमेंट चीफ़ हैं। वह उस समय प्रेग्नेंट थीं और टेस्ट किट को अप्रूवल के लिए जमा करवाने के एक घंटे बाद ही उन्होंने बेटी को जन्म दिया।
5. इम्पोर्टेड किट्स से टेस्ट के रिजल्ट आने में 6 से 7 घंटे लग जाते थे। दूसरी ओर, इन टेस्टिंग किट्स के इस्तेमाल से मात्र ढाई घंटे में रिजल्ट हमारे सामने आ पाएंगे।
6. यह किट इवैल्यूएशन 18 मार्च को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी (एनआईवी) में जमा की गई थी।
7. शाम को, इसे इंडियन फ़ूड ऐंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) व व ड्रग्स कण्ट्रोल अथॉरिटी, सीडीएससीओ में कमर्शियल अप्रूवल लेने के लिए जमा करवाई गई।
8. एफडीए में किट जमा करवाने के एक घंटे बाद वह सी-सेक्शन के लिए अस्पताल में भर्ती हो गईं। उन्होंने अगले दिन एक बेटी को जन्म दिया।
9. मीनल का कहना है-"यह एक इमरजेंसी थी, और मैंने इसको एक चैलेंज के रूप में लिया। मुझे अपने राष्ट्र की सेवा करनी है।"
10. यह किट्स भारत में ही बनेंगी और यह टेस्टिंग के लिए मार्किट में आ चुकी हैं।