PLFS Report: भारत में कामकाजी महिलाओं का स्तर बढ़ता जा रहा है। एक समय था जब महिलाओं को बाहर निकलने में भी प्रतिबंध था लेकिन मौजूदा स्थिति में आंकड़े काफी सराहनीय आ रहे हैं। अब महिलाएं अपने काम से बाहर निकल रही हैं और आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
भारत में ऐसा इसलिए भी पॉसिबिल हो पा रहा है कि मौजूदा सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति काफी जिम्मदारी उठाई जा रही है। महिलाओं के लिए रिजर्वेशन उपलब्ध कराया जा रहा है और उनकी सुरक्षा पर भी खासा ख्याल किया जा रहा है। हालिया सरकार में हम देख सकते हैं कैबिनेट में किस तरह महिला राजनीतिज्ञों की संख्या पिछली सरकारों के मुकाबले ज्यादा रही है।
कामकाजी महिलाओं का बढ़ रहा है प्रतिशत
खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने कामकाजी महिलाओं का ब्योरा संसद में दिया। दरअसल लोकसभा में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली से इस बाबत प्रश्न किया गया था। ऐसे में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने प्रश्न का लिखित उत्तर दिया।
रोजगार और बेरोजगारी पर डेटा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के माध्यम से एकत्र किया जाता है जो कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा 2017-18 से आयोजित किया जाता रहा है। सर्वे की अवधि अगले साल जुलाई से इस वर्ष जून तक है। नवीनतम उपलब्ध वार्षिक PLFS रिपोर्ट के अनुसार देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं की सामान्य स्थिति पर अनुमानित श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) क्रमशः 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान क्रमशः 30.0%, 32.5% और 32.8% थी, जो एक बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। —रामेश्वर तेली, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री
आंकड़ों से आसानी से समझा जा सकता है कि किस तरह साल-दर-साल कामकाजी महिलाओं का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही 30 फीसदी कामकाजी महिलाओं का स्तर सराहनीय है।
बता दें मौजूदा सरकार हमेशा से ही महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अपने को प्रतिबद्ध बताती रही है। इसके साथ ही मौजूदा सरकार ने महिलाओं के प्रति बहुत से ऐसे परिवर्तन भी किए हैं जो पिछले कई सरकारों के समय में व्याप्त थे। मौजूदा सरकार ने ट्रिपिल तालाक, घर का मुखिया महिला, महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, महिलाओं के नाम योजनाएं जैसे बहुत से सराहनीय कदम उठाएं हैं जिससे महिलाओं पुरुषों के समान ही हकदार बन पाई हैं।