मीराबाई चानू पहुंची अपने घर : मीराबाई चानू शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में सिल्वर जीतकर भारत की पहली पदक विजेता बनीं। वह कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक मैडल जीतने वाली केवल दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर बन गई हैं। मीराबाई चानू पहुंची अपने घर
मीराबाई चानू ओलंपिक में सिल्वर मैडल जीतने के बाद आज अपने घर पहुंची। सिल्वर मेडल विजेता चानू के लिए ये बेहद इमोशनल घर वापसी थी। चानू के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर उनकी माँ और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पहुंचे थे। अपनी माँ को देख कर चानू अपने आँसू रोक नहीं पाई।
सोमवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हुए स्वागत समारोह की तरह ही यहां बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर चानू की मुलाकात मीडिया और उनके प्रशंसकों से हुई। 2016 के रियो खेलों के बाद एक कड़ी ट्रेनिंग ने पिछले पांच वर्षों से चानू की घर की यात्राओं को सीमित कर दिया था।
मीराबाई चानू पहुंची अपने घर : वेटलिफ्टर की माँ ने गिफ्ट की सोने की बाली
चानू की माँ ने उन्हें ओलंपिक के छल्ले के आकार की सोने की बालियां एक उपहार के रूप में दी। आपको बता दे कि पांच साल पहले चानू की माँ ने उनके इस सपने के लिए अपने गहने बेच दिए थे।
26 वर्षीय चानू ओले नोंगपोक काकचिंग गांव की रहने वाली हैं, जो यहां से लगभग 25 किमी दूर है। चानू के परिवार में उसके माता -पिता और छह भाई-बहन (तीन बहनें और दो भाई) हैं। हवाई अड्डे से चानू मणिपुर राज्य सरकार के सम्मान समारोह में शामिल होने गई थी, जिसकी होस्टिंग मुख्यमंत्री ने की थी।
26 वर्षीय ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के ब्रॉन्ज़ मैडल को बेहतर बनाने के लिए कुल 202 किग्रा (87 किग्रा 115 किग्रा) का भार उठाया।
26 साल की चानू के लिए पूरे देश से बधाइयाँ आ रही है ,लेकिन ख़ुशी और उत्साह की सबसे तेज़ लहर उनके गृह राज्य मणिपुर से आ रही थी। चानू के परिवार, दोस्तों, आस-पड़ोस के लोगों के वीडियो ट्विटर पर सामने आए थे – प्रार्थना में हाथ जोड़े हुए छोटे बच्चों की वीडियो के साथ – उस ऐतिहासिक क्षण को देखते हुए की भी वीडियो वायरल हो रही थी जब उन्होंने सिल्वर हासिल किया था।