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Image Credit: Whisk Affair
हाल ही में एक इंटरनेशनल रिपोर्ट में भारतीय व्यंजन मिस्सी रोटी को दुनिया के सबसे खराब व्यंजनों में शामिल किया गया। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, और भारत के देसी इंटरनेट यूजर्स इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि मिस्सी रोटी, जिसे भारतीय घरों में बड़े चाव से खाया जाता है, स्वाद में बहुत ही साधारण और बेस्वाद है। इस खबर ने भारतीयों के दिलों में गुस्सा पैदा कर दिया, और सोशल मीडिया पर इसका विरोध तेज हो गया है।
मिस्सी रोटी को दुनिया के सबसे खराब व्यंजनों में शामिल किया गया
मिस्सी रोटी: एक भारतीय विशेषता
मिस्सी रोटी एक पारंपरिक भारतीय रोटी है, जो खासतौर पर राजस्थान, पंजाब और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में बनाई जाती है। इसे बेसन और आटे के मिश्रण से तैयार किया जाता है, और इसे ताजे घी या दही के साथ परोसा जाता है। यह न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। मिस्सी रोटी का सेवन खासतौर पर सर्दियों में किया जाता है, क्योंकि यह गर्म होती है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।
दुनिया के सबसे खराब व्यंजन में क्यों शामिल हुई मिस्सी रोटी?
एक अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट ने 'दुनिया के सबसे खराब व्यंजन' की लिस्ट बनाई, जिसमें मिस्सी रोटी को भी जगह दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि यह रोटी स्वाद में बहुत साधारण है और इसमें किसी प्रकार का विशेष ताजगी या स्वाद नहीं होता। इस रिपोर्ट को लेकर भारतीयों के बीच नाराजगी बढ़ गई है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो रोजाना इस रोटी का आनंद लेते हैं।
देसी इंटरनेट का गुस्सा: 'हम अपनी रोटी के लिए बगावत करते हैं'
रिपोर्ट का नाम आते ही भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बवाल मच गया। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भारतीय यूजर्स ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, "हम अपनी रोटी के लिए बगावत करते हैं। कोई भी हमारे खाना, खासकर हमारी मिस्सी रोटी को अपमानित नहीं कर सकता।" वहीं कुछ अन्य यूजर्स ने बताया कि मिस्सी रोटी उनके लिए एक अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल स्वाद में बल्कि उनकी सांस्कृतिक धरोहर में भी समाहित है।
भारत में मिस्सी रोटी का महत्व
मिस्सी रोटी भारतीय व्यंजन संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सादगी और स्वाद का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान में तो इसे विशेष त्योहारों और अवसरों पर बनाई जाती है। यह न केवल भोजन के रूप में बल्कि भारतीय घरों के सजे-धजे खाने की परंपरा का भी प्रतीक है। ऐसे में इसे दुनिया के सबसे खराब व्यंजनों में शामिल करना भारतीयों के लिए एक अप्रत्याशित और अपमानजनक घटना मानी जा रही है।
क्या है इस विवाद के पीछे की सच्चाई?
यह भी संभव है कि इस रिपोर्ट को एक पब्लिसिटी स्टंट के रूप में देखा जा रहा हो, क्योंकि कई बार इस तरह की रिपोर्ट्स या लिस्ट्स केवल सुर्खियाँ बटोरने के लिए बनाई जाती हैं। हालांकि, भारतीयों के लिए यह सिर्फ एक व्यंजन का नहीं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का सवाल है।
मिस्सी रोटी भारतीय भोजन संस्कृति का हिस्सा है, और इसे दुनिया के सबसे खराब व्यंजनों में रखना भारतीयों के लिए एक अप्रत्याशित और गलत कदम है। यह विवाद केवल एक रोटी के बारे में नहीं है, बल्कि भारतीय भोजन, परंपरा और सांस्कृतिक गौरव से जुड़ा है। हम सबको यह समझना चाहिए कि हर देश और संस्कृति का अपना खाना होता है, और हर व्यंजन का अपना महत्व होता है।
भारत के लोग अपनी रोटी के लिए जान तक दे सकते हैं, और जब बात उनके प्रिय व्यंजनों की होती है तो वे इसका डटकर बचाव करते हैं।