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Monkey B Virus - चीन में आया नया ह्यूमन वायरस है और इसका पहला केस सामने आया और उसकी मौत बी भी हो गयी। ये एक वेटरनरी सर्जन था और इस ने दो मरे हुए बन्दर का पोस्ट मार्टम किया था जिसका बाद इसको इन्फेक्शन हो गया। इसके बाद इसको कई महीने तक उल्टी और जी मचलने की दिक्कत रही। वेटेरन ने इसके बाद कई अस्पतालों में भी दिखाया लेकिन कोई खास रिजल्ट सामने नहीं आया फिर फाइनली इसके बाद उनकी डेथ 27 मई को हो गयी।
Monkey B Virus संक्रमण, जिसे सिमीयन बी वायरस संक्रमण भी कहा जाता है, एक प्रकार के हर्पीस वायरस- अल्फाहर्पीसवायरस के कारण होता है। संक्रामक रोग मुख्य रूप से लबोरेटरी वर्कर्स द्वारा अनुबंधित होता है जो संक्रमित बंदरों या प्रयोगशाला ऊतक संस्कृतियों के संपर्क में आते हैं जिनमें सिमियन बी वायरस होता है। संक्रमण में, दिमाग और उसके आसपास की झिल्ली पर वायरस का आक्रमण होता है। संक्रमण रीढ़ की हड्डी को भी एफेक्ट कर सकता है और न्यूरोलॉजिकल डैमेज का कारण बन सकता है। जबकि Monkey B Virus के मामले बहुत रेयर हैं, अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो वे घातक हो सकते हैं।
सेंटर ऑफ़ डिजीज कण्ट्रोल और प्रिवेंशन ने बताया कि इस वायरस का इंसान से इंसान का ट्रांसमिशन का अभी सिर्फ एक ही केस देखा गया है।
Monkey B वायरस के संक्रमण के सिम्पटम्स बुखार, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन और पीठ में अकड़न और सामान्य परेशानी है। संक्रमण के लक्षण सांस लेने में दिक्कत, दृष्टि समस्याओं, न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन, व्यक्तित्व परिवर्तन, कपाल तंत्रिका असामान्यताएं, और दौरे और / या आंशिक पक्षाघात से भी जुड़े हो सकते हैं। वायरस से संक्रमित कुछ मरीज कोमा में भी जा सकते हैं।
Monkey B वायरस एशियाटिक मोनेकीस में कॉमन होता है जो कि mecaca जीन के होते हैं। इस वायरस की फेटेलिटी रेट 80 to 90 परसेंट होती है। इन्फेक्शंन होने का कारण इन्फेक्टेड मंकी का सलाइवा या कोई भी बॉडी के फ्लूइड के कांटेक्ट में आने से होता है जो कि काटने से या फिर स्क्रैच से हो सकता है। आम लोगों का इस वायरस की चपेट में आना काफी मुश्किल सिवाए जो लबोरेटरी में काम करते हैं ।
Image Credit: Livemint/The Siasat Daily
Monkey B वायरस क्या है ?
Monkey B Virus संक्रमण, जिसे सिमीयन बी वायरस संक्रमण भी कहा जाता है, एक प्रकार के हर्पीस वायरस- अल्फाहर्पीसवायरस के कारण होता है। संक्रामक रोग मुख्य रूप से लबोरेटरी वर्कर्स द्वारा अनुबंधित होता है जो संक्रमित बंदरों या प्रयोगशाला ऊतक संस्कृतियों के संपर्क में आते हैं जिनमें सिमियन बी वायरस होता है। संक्रमण में, दिमाग और उसके आसपास की झिल्ली पर वायरस का आक्रमण होता है। संक्रमण रीढ़ की हड्डी को भी एफेक्ट कर सकता है और न्यूरोलॉजिकल डैमेज का कारण बन सकता है। जबकि Monkey B Virus के मामले बहुत रेयर हैं, अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो वे घातक हो सकते हैं।
सेंटर ऑफ़ डिजीज कण्ट्रोल और प्रिवेंशन ने बताया कि इस वायरस का इंसान से इंसान का ट्रांसमिशन का अभी सिर्फ एक ही केस देखा गया है।
Monkey B वायरस के सिम्पटम्स क्या हैं?
Monkey B वायरस के संक्रमण के सिम्पटम्स बुखार, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन और पीठ में अकड़न और सामान्य परेशानी है। संक्रमण के लक्षण सांस लेने में दिक्कत, दृष्टि समस्याओं, न्यूरोमस्कुलर डिसफंक्शन, व्यक्तित्व परिवर्तन, कपाल तंत्रिका असामान्यताएं, और दौरे और / या आंशिक पक्षाघात से भी जुड़े हो सकते हैं। वायरस से संक्रमित कुछ मरीज कोमा में भी जा सकते हैं।
Monkey B वायरस इन्फेक्शन होता कैसे है?
Monkey B वायरस एशियाटिक मोनेकीस में कॉमन होता है जो कि mecaca जीन के होते हैं। इस वायरस की फेटेलिटी रेट 80 to 90 परसेंट होती है। इन्फेक्शंन होने का कारण इन्फेक्टेड मंकी का सलाइवा या कोई भी बॉडी के फ्लूइड के कांटेक्ट में आने से होता है जो कि काटने से या फिर स्क्रैच से हो सकता है। आम लोगों का इस वायरस की चपेट में आना काफी मुश्किल सिवाए जो लबोरेटरी में काम करते हैं ।
Image Credit: Livemint/The Siasat Daily