वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने मंकीपॉक्स के ऑउटब्रेक के बाद शुक्रवार, 20 मई को एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। यूरोप में 100 से अधिक केस कन्फर्म होने के बाद, मंकीपॉक्स के फैलने के कारणों पर चर्चा करने के लिए बैठक आयोजित की गई थी। यह संक्रमण अफ्रीका में पाया जाता है है। कहा गया है की यह वाइरस एपिडेमिक नहीं है।
पश्चिम अफ्रीका के रेनफॉरेस्ट में आम, मंकीपॉक्स क्लोज कांटेक्ट से फैलता है और शरीर में फ्लू जैसे लक्षण दिखाता है, जिसमें शरीर में दर्द, बुखार और रशेस होते हैं। अफ्रीका में ऑब्जरवेशन के आधार पर, यह बताया गया है कि यह इन्फेक्शन जिन्हे होती है, उनमे 10 में से 1 व्यक्ति के लिए घातक साबित होता है। अभी तक भारत या किसी अन्य एशियाई देशों में मंकीपॉक्स का कोई केस सामने नहीं आया है।
मंकी पॉक्स एक नया ग्लोबल स्वास्थ्य समस्या?
मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो स्मॉल पॉक्स के केटेगरी में आता है। ‘सेंटर ऑफ़ डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन’ के अनुसार, मंकीपॉक्स कम गंभीर इन्फेक्शन है। हालांकि, अफ्रीका में उसी रिसर्च के आधार पर, यह भी बताया गया है कि इस इंफेक्शन के रोगियों में 10% की मृत्यु हो गई है।
न्यूज़ है कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने लगभग 11 देशों में इस रोग के फैलने की कन्फर्मेशन दी है, जिसमें अभी तक मंकीपॉक्स के लगभग 80 केस दर्ज किए गए हैं। यह ऑउटब्रेक चिंताजनक है क्योंकि ऐसा लगता है कि वायरस उन देशों में फैल रहा है जहां वायरस एंडेमिक नहीं है और पहले कभी यह बीमारी नहीं थी।
यह पता चला है कि मंकीपॉक्स के कारण बुखार, सिरदर्द, थकावट और लिम्फ नोड्स में सूजन शुरू हो जाती है। यह धीरे-धीरे मानव शरीर पर रेष और घावों का कारण बनता है, जिनमें ज्यादातर खुजली और जलन होती है।
कहा जा रहा है कि इन्फेक्शन लगभग 2-4 सप्ताह तक रहता है। यह भी बताया गया है कि स्माल पॉक्स के वैक्सीन और एंटीवायरल दवाएं इन्फेक्शन को रोकने में मदद करती हैं और 85% मामलों में लक्षणों से शरीर को राहत देती हैं।
यह वायरस इन्फेक्टेड मनुष्यों या जानवरों के निकट संपर्क से फैलता है। कहा जाता है कि वायरस ब्रोकन स्किन, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट- आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर को इन्फेक्ट करता है। रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स से भी इन्फेक्शन संभव है।
वर्तमान में, इन्फेक्टेड लोगो के साथ सेक्सुअल एक्टिविटी से फैला है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के महामारी विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सर पीटर हॉर्बी ने कहा है "हम एक बहुत ही नई स्थिति में हैं, यह आश्चर्य और चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि यह "कोविड-2 नहीं है", पर "हमें सावधान रहने की ज़रूरत है" और यह "कुछ ऐसा है जिससे हम बचना चाहते हैं"।
डब्ल्यू एच ओ ने कहा है "क्यूंकि मंकीपॉक्स क्लोज कांटेक्ट से फैलता है, हमारा रेस्पोंस इन्फेक्टेड लोगों और उनके करीबी संपर्कों पर केंद्रित होनी चाहिए।" अफ्रीका के बाहर इस वायरल संक्रमण का पहला ऑउटब्रेक 2003 में दर्ज किया गया था, जो इन्फेक्टेड कुत्तों के साथ मानव संपर्क के कारण हुआ, जिसके परिणाम में 70 से अधिक केस सामने आए थे। हाल ही में ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, अमेरिका, स्वीडन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया में ज्यादातर युवा पुरुषों में मामले सामने आए हैं।