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मां-बेटे की ऐतिहासिक उपलब्धि: पहली बार एक ही वर्ष में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित

लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर और स्क्वाड्रन लीडर तरुण नायर ने इतिहास रचते हुए एक ही वर्ष में राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल किए। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी और वीरता के किस्से।

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Vaishali Garg
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Mother Son

Image credit: (India TV)

Mother Son Duo To Receive Presidential Awards In Same Year: भारत के इतिहास में पहली बार एक मां-बेटे की जोड़ी को एक ही वर्ष में प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए गर्व का क्षण है। लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस. नायर, वीएसएम, को उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और सेना में योगदान के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से सम्मानित किया गया। वहीं उनके बेटे, स्क्वाड्रन लीडर तरुण नायर, को भारतीय वायु सेना में असाधारण वीरता दिखाने के लिए वायु सेना मेडल (Gallantry) से नवाजा गया।

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यह उपलब्धि उनकी देशभक्ति, मेहनत, और बलिदान के मूल्यों को दर्शाती है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।

लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर: सेना में महिलाओं के लिए प्रेरणा

लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर, वीएसएम, को 2024 में भारतीय सेना की पहली महिला डायरेक्टर जनरल मेडिकल सर्विसेज बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (AFMC) से स्नातक की पढ़ाई की और परिवार चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। इसके अलावा, उन्होंने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और स्वास्थ्य प्रबंधन में डिप्लोमा भी किया।

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साधना नायर ने AIIMS, नई दिल्ली से मेडिकल इंफॉर्मेटिक्स में उन्नत प्रशिक्षण लिया और इजरायली रक्षा बलों के साथ CBRN (Chemical, Biological, Radiological, and Nuclear) युद्ध प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके अलावा, उन्होंने स्विस सशस्त्र बलों के साथ मिलिट्री मेडिकल एथिक्स का भी अध्ययन किया। उन्हें पहले विशिष्ट सेवा मेडल (VSM) से सम्मानित किया गया था।

स्क्वाड्रन लीडर तरुण नायर: साहस और कौशल का अद्भुत उदाहरण

स्क्वाड्रन लीडर तरुण नायर ने 2018 में एयर फोर्स अकादमी से स्नातक किया। उनकी उत्कृष्टता को देखते हुए उन्हें "सॉर्ड ऑफ ऑनर" और "प्रेसिडेंट्स प्लेट" जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

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मार्च 2024 में, उन्होंने अत्यधिक तनावपूर्ण परिस्थितियों में अपनी अद्वितीय उड़ान कौशल और शांति का प्रदर्शन किया। उनके प्रयासों ने न केवल भारतीय वायु सेना के एक मूल्यवान कॉम्बैट एसेट को बचाया, बल्कि संभावित नागरिक हानि और संपत्ति को नुकसान से भी बचाया।

राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुरस्कारों की घोषणा

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस कर्मियों के लिए वीरता पुरस्कारों की मंजूरी दी। इसमें दो कीर्ति चक्र, 14 शौर्य चक्र, और 58 “मेंशन-इन-डिस्पैचेज़” पुरस्कार शामिल हैं।

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रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वीरता पुरस्कारों में शामिल हैं:

  • कीर्ति चक्र: 2 (1 मरणोपरांत)
  • शौर्य चक्र: 14 (3 मरणोपरांत)
  • सेना मेडल (Gallantry): 66 (7 मरणोपरांत)
  • नौसेना मेडल (Gallantry): 2
  • वायु सेना मेडल (Gallantry): 8

भारतीय सशस्त्र बलों के लिए गौरवशाली क्षण

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यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल नायर परिवार की बल्कि पूरे देश की प्रेरणा है। साधना नायर और तरुण नायर ने अपने साहस, नेतृत्व और देशभक्ति के जरिए यह सिद्ध कर दिया कि समर्पण और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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