Murder Plot by Daughter-in-Law for Rs 300 Crore Property in Nagpur: नागपुर में एक 82 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस मामले में मृतक की बहू अर्चना पुत्तेवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 22 मई को बलराम नगर, नागपुर में हुई घटना को हिट-एंड-रन दुर्घटना बताया गया था, लेकिन जांच में पता चला कि यह हत्या की साजिश थी।
नागपुर में 300 करोड़ की संपत्ति के लिए बहू द्वारा ससुर की हत्या की साजिश
शहर नियोजन अधिकारी अर्चना पुत्तेवार पर संदेह
जांच में पाया गया कि मृतक पुरुषोत्तम पुत्तेवार की बहू अर्चना मनिष पुत्तेवार ने उनकी हत्या की साजिश रची थी। अर्चना नागपुर और चंद्रपुर में टाउन प्लानिंग विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत थीं।
CCTV फुटेज ने खोला राज
प्रारंभिक जांच के बाद, मामले को दुर्घटना मान लिया गया था। लेकिन सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर पुलिस को कुछ संदिग्ध लगा। गहन जांच के बाद 6 जून को अर्चना मनिष पुत्तेवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
कौन थे शामिल?
अर्चना पुत्तेवार के अलावा उनके भाई प्रशांत परलेवार, जो नागपुर में MSME विभाग में एक प्रमुख पद पर कार्यरत हैं, भी मुख्य संदिग्ध हैं। मामले में अर्चना की सहायक पायल नागेश्वर, परिवार के ड्राइवर सार्थक बागडे और नीरज इमजे और सचिन धर्मिक सहित चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे खुला हुआ मामला?
CCTV कैमरों की फुटेज की समीक्षा के बाद मामले को फिर से खोला गया, जिससे कार का रजिस्ट्रेशन नंबर का पता चला। जांच में पता चला कि धर्मिक ने 3 लाख रुपये और कुछ सोना अर्चना से सुपारी के तौर पर लिया था।
1 करोड़ रुपये का सुपारी!
अर्चना ने अपने पति के ड्राइवर बागडे और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। उन्होंने हमलावरों को 1 करोड़ रुपये और सोने के जेवर का लालच दिया और उन्हें हत्या के लिए एक सेकेंड हैंड कार खरीदने का आदेश दिया।
दो बार की गई हत्या की कोशिश
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल के मुताबिक, आरोपियों ने मई में दो बार पुरुषोत्तम पुत्तेवार को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वह मामूली चोटों के साथ बच गए थे।
जमीन हथियाने की कोशिश?
जांच में पता चला है कि अर्चना संपत्ति हथियाने के लिए अपने ससुर की हत्या की साजिश रच रही थी। अधिकारी ने दावा किया कि "उसने अपने ससुर को गिराने के लिए इस्तेमाल की गई कार खरीदने के लिए आरोपियों को धन मुहैया कराया ताकि हत्या को दुर्घटना जैसा बनाया जा सके। यह जाहिर तौर पर 300 करोड़ रुपये की उनकी संपत्ति पर नियंत्रण पाने के लिए किया गया था।"
अनियमितताओं का भी खुलासा
जांच में अर्चना के कार्यस्थल पर भी अनियमितताओं का पता चला। उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। हालांकि, अर्चना के राजनीतिक संबंधों के कारण किसी भी आरोप को गंभीरता से नहीं लिया गया।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।