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बुर्खे में यह मुस्लिम महिला मंदिरों और गुरुद्वारों को सैनीटाइज़ कर रही है

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Swati Bundela
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इमराना और नियामत अली अपना पेट भरने के लिये बहुत मेहनत करते हैं। नियामत एक प्लम्बर हैं। ये जोड़ा उत्तर दिल्ली में रहते हैं। लॉक डाउन में उनके कामकाजी ज़िन्दगी में बहुत मुश्किलें आयी हैं पर इमराना ने कम्युनिटी सर्विस को अपना मिशन बना लिया है। वो कई ज़िम्मेदारियाँ लेती हैं सोसाइटी के लिए और साथ साथ वो घर की देखभाल भी करती हैं।

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3 बच्चों की मां इमराना ने एक अच्छे समैरिटन की तरह नव दुर्गा मंदिर, कई गुरुद्वारा और मस्जिदों जो कि नेहरू विहार में स्थित हैं उन सब को सैनिटाइज करने का ज़िम्मा लिया है।



32 साल की इमराना जो कि सिर्फ सातवीं तक पढ़ी हैं पहली बार मदद के लिए आगे नही आई हैं। इससे पहले उन्होंने फरवरी में हुए दंगो मे राहत कार्य का ज़िम्मा भी लिया है।

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अब वो उत्तर दिल्ली की पतली गलियों में जहां हर कोने में मस्जिद और मंदिर है, में घूमती हैं और उन जगहों को सैनिटाइज़ करती हैं। वो कहती हैं " मैं आने अपने देश की सेक्युलर संस्कृति की रक्षा करना चाहती हूँ। मैं ये सन्देश देना चाहती हूं कि हम सब एक हैं और हमेशा साथ ही रहेंगे ।"



पंडित योगेश कृष्णा, नेहरू विहार के मंदिर के पुजारी इस कदम को सराहते हुए कहते हैं," ये कदम कम्युनल हारमनी के लिए ज़रूरी है। हमें एकदूसरे का साथ देना चाहिए। नफरत को छोड़के, प्यार को अपनाकर एक दूसरे की सलामती की दुआ करनी चाहिए।"
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" मैं आने अपने देश की सेक्युलर संस्कृति की रक्षा करना चाहती हूँ। मैं ये सन्देश देना चाहती हूं कि हम सब एक हैं और हमेशा साथ ही रहेंगे ।" - इमराना



इमराना ये भी कहती हैं कि उन्हें कभी भी इस इलाके में दिक्कत नही हुई और सब उनके इस कदम का स्वागत करते हैं।" मुझे किसी पुजारी या किसी और ने कभी भी मुझे ये काम करने से नहीं रोका।"



इमराना की फोटोज और वीडियोस सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। लोग उनके इस कदम की तारीफ कर रहे हैं और इमराना ने सबका दिल जीत लिया है। पुजारियो ने भी इमराना की मदद भी कर रहें हैं क्योंकि वो रमज़ान के महीने में इतना पुण्य का काम कर रहीं हैं।
इंस्पिरेशन #फेमिनिज्म
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