Sexual Abuse Against Children: NCRB की रिपोर्ट ने छुड़ाए छक्के

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एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर 47221 केस बच्चों के साथ होने वाले सेक्शुअल क्राइम के हैं। CBI ने भी बच्चों के साथ होने वाले सेक्शुअल क्राइम की जांच पड़ताल की जिसमें एक खुलासा हुआ। चाइल्ड सेक्शुअल ऑफेंस के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से दर्ज किए गए हैं। यूपी इन मामलों की लिस्ट में सबसे ऊपर है।

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Posco act के तहत दर्ज किए गए मामलों की संख्या 2017 में  32608 थी जो 2018 में बढ़कर 39,827 हो गई थी। और अब तो यह संख्या आसमान ही छू रही है।

Note -

1.109 बच्चे हर दिन

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार हर दिन 109 बच्चे सेक्सुअल क्राइम के केस दर्ज होते हैं। ना जाने कितने ही केस तो सामने भी नहीं आते।

2. रेप

2018 में कुल 21,605 बच्चों के साथ रेप हुआ था जिनमें से 21,401 लड़कियां और 204 लड़के थे।

3. यूपी ने किया टॉप

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2020 में अकेले यूपी से ही 6898 केस बच्चों के साथ सेक्सुअल एब्यूज के दर्ज हुए। 

2021 के सितंबर में आखरी बार NCRB की रिपोर्ट जारी हुई थी। इसके अनुसार भारत में कुल मिलाकर 47,221 केस पोस्को एक्ट के तहत दर्ज किए गए थे। इस क्राइम लिस्ट में सबसे ज्यादा केस यूपी में दर्ज किए गए थे। यूपी के बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी बड़ी संख्या में केस दर्ज हुए।

ज्यादातर केसों की विक्टिम लड़कियां थी। लड़कों की संख्या लड़कियों के मुकाबले बहुत कम थी। यह भी पाया गया कि लड़कियों और लड़कों के साथ यह सेक्शुुअल क्राइम करने वाले ज्यादातर लोग उनके घर से ही कोई थे।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी

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गैर कानूनी तरीके से बड़ों के साथ साथ हम बच्चों की पोर्नोग्राफी भी ट्रेंड में बहुत चल रही है। इसमें बच्चों के साथ सेक्शुअल ऑफेंस किया जाता है। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट, उमेश कुमार का कहना है कि यह दूसरे बच्चों के लिए भी एक असुरक्षित ट्रेंड है। इससे उनकी मानसिक स्थिति पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।

इसलिए उन्होंने कहा कि पेरेंट्स को अपने बच्चों का ध्यान रखने की बहुत जरूरत है। वे उनकी गतिविधियों पर नजर रखें ताकि बच्चे इस तरह की गलत चीजों से दूर रहें।

लखनऊ चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की एक्टिविस्ट संगीता शर्मा ने कहा कि यूनाइटेड नेशन ने भारत को ऐसे असुरक्षित ट्रेंड को खत्म करने की चेतावनी भी दी है। लेकिन इसके बावजूद यह ट्रेंड बढ़ता ही जा रहा है। इसके लिए हमें अपने सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है।

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यूपी पुलिस ADG प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी में बच्चों के साथ होने वाले सेक्शुअल क्राइम की दर राष्ट्रीय तौर पर होने वाले क्राइम की दर से बहुत कम है।

सेक्शुअल क्राइम