NDA First Women Batch: इतिहास रचने को तैयार 17 कैडेट्सदेश की बेटियों ने दिखाया जज्बा, 30 मई को NDA से होंगी पासआउट

नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की पहली महिला कैडेट्स बैच 30 मई 2025 को पासआउट होने जा रही है। जानिए कैसे 17 बहादुर बेटियों ने इतिहास रचते हुए सेना में जगह बनाई।

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Vaishali Garg
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NDA first women batch

Photograph: (Arun Sankar/AFP)

30 मई 2025 को नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रही है। पहली बार NDA की महिला कैडेट्स पासआउट होंगी। पुणे स्थित इस प्रतिष्ठित सैन्य संस्थान से 17 महिला कैडेट्स, लगभग 300 पुरुष कैडेट्स के साथ पासआउट होंगी। ये क्षण भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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NDA First Women Batch: इतिहास रचने को तैयार 17 कैडेट्सदेश की बेटियों ने दिखाया जज्बा, 30 मई को NDA से होंगी पासआउट

17 महिला कैडेट्स: तीनों सेनाओं में सेवा के लिए तैयार

इन 17 बहादुर महिला कैडेट्स में से:

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  • 9 भारतीय थल सेना में शामिल होंगी
  • 3 भारतीय नौसेना में जाएंगी
  • 5 भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनेंगी

यह सभी कैडेट्स जून 2022 में NDA में शामिल हुई थीं, जब पहली बार महिला उम्मीदवारों के लिए प्रवेश खोला गया था।

कैसे हुआ महिलाओं के लिए NDA के द्वार खुलना?

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अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए NDA को महिलाओं के लिए प्रवेश परीक्षा की अनुमति देने का निर्देश दिया था। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद में घोषणा की थी कि 2022 से महिलाएं NDA में प्रवेश लेंगी।

पहली NDA परीक्षा जिसमें महिलाएं भाग ले सकीं, नवंबर 2021 में हुई थी। इस परीक्षा में कुल 5.7 लाख आवेदनों में से 1.78 लाख आवेदन महिलाओं के थे। इनमें से 1,002 महिला उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा पास की, और अंततः 17 महिला कैडेट्स NDA में चयनित हुईं।

कैसी रही ट्रेनिंग? कंधे से कंधा मिलाकर पूरी की तीन साल की कड़ी मेहनत

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डिवीजन कैडेट कैप्टन श्रुति दक्ष ने कहा, “हमने पुरुष कैडेट्स के साथ ही स्क्वाड्रन शेयर की, ट्रेनिंग लगभग समान थी। तीन साल की शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग ने हमें पूरी तरह बदल दिया।” श्रुति के पिता भी पूर्व NDA अधिकारी रहे हैं, और उन्होंने कहा कि NDA उनके खून में है।

कैडेट हरसिमरन कौर, जो भारतीय नौसेना में जाएंगी, ने बताया कि उनके पिता और दादा दोनों भारतीय सेना में रह चुके हैं। उन्होंने कहा, “पहली महिला बैच का हिस्सा बनना एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। हमें ऐसे मानक स्थापित करने हैं, जो आगे की पीढ़ियों के लिए उदाहरण बनें।”

जेंडर-न्यूट्रल ट्रेनिंग: बराबरी की असली मिसाल

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मार्च 2025 में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने संसद में जानकारी दी थी कि 2022 से अब तक NDA में कुल 126 महिला कैडेट्स शामिल हो चुकी हैं। NDA प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि पुरुषों की तरह ही महिला कैडेट्स को भी तीन साल की गहन सैन्य प्रशिक्षण दी जाती है। हालांकि, शारीरिक संरचना के कुछ अंतर को ध्यान में रखते हुए, फिजिकल ट्रेनिंग में कुछ मामूली बदलाव किए गए हैं।

महिलाओं की ये जीत सिर्फ एक बैच नहीं, एक आंदोलन है

NDA की पहली महिला बैच का पासआउट होना केवल एक संस्थान की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की सोच में आए बदलाव का प्रतीक है। ये 17 बहादुर महिलाएं न सिर्फ सेनाओं में सेवा करेंगी, बल्कि उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बनेंगी जो अब सपने देखने से डरती नहीं हैं।

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NDA में महिलाओं का प्रवेश और अब पहली बैच का पासआउट होना यह दर्शाता है कि अगर मौका और मंच मिले, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। यह एक नई शुरुआत है, जिसमें देश की बेटियां अब राष्ट्र रक्षा में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होंगी।

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