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कोलकाता की नीना गुप्ता को प्रतिष्ठित भटनागर अवार्ड से सम्मानित किया गया

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Swati Bundela
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सबसे काम उम्र में अवार्ड हासिल करने का रिकॉर्ड


नीना ने यह अवार्ड बहुत ही काम उम्र में  हासिल किया है । वह अब तक 35 साल की भी नहीं हुई है । अब तक टाटा इंस्टिट्यूट के एमएस रघुनाथन के पास था वो भी 1977  में 36 साल की उम्र में । उन्होंने इस उम्र में सम्मान पाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है ।
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नीना इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट, कोलकाता में कम्यूटेटिव अलजेब्रा पढ़ाती हैं। नीना कहती हैं की वो यह अवार्ड पाकर बहुत खुश हैं । उन्हें यह अवार्ड पाकर ऐसा लग रहा है की उनकी सारी मेहनत का फल उन्हें मिल गया हो । नीना ने अपनी इस सफलता का श्रेय गणित के लिए अपनी रूचि और प्यार को दिया । वो कहती है की बचपन से ही उन्हें गणित बहुत पसंद था । उन्हें मैथ्स पढ़ना बहुत अच्छा लगता था ।

गणित पढ़ाने का तरीका

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उन्हें लगता है की आजकल के बच्चे मैथ्स पढ़ने से डरते है क्योंकि मैथ्स पढ़ाने का तरीका सही नहीं है । उनके अनुसार बहुत सारे ट्यूटर्स और टीचर्स खुद ही सारे सवाल सॉल्व कर देते है जबकि उन्हें यह काम बच्चों से करवाना चाहिए नहीं खुद करना चाहिए । उन्हें बच्चों को मैथ्स के हर कांसेप्ट को सही तरीके से समझाना चाहिए । उन्हें लगता है की अगर बच्चों को मैथ्स के कांसेप्ट सही तरीके से समझाएं जाएँ तो बच्चे मैथ्स से बिलकुल दूर न भागे ।

मैथ्स में आगे बढ़ने की प्रेरणा

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नीना कहती हैं की उनकी माँ एक बार उन्हें और उनके भाई को एक कम्पटीशन में लेकर गई जहां उन्हें मैथ्स के प्रॉब्लम सोवे करने थे और यही से मैथ्स में उनकी रूचि बढ़ी और मैथ्स में आगे बढ़ने के उनके इंटरेस्ट को और बढ़ावा मिला ।
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