New Coronavirus Treatment: आज 14 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़शन ने कोरोना के दो नए इलाज को मजूरी दी है। यह फैसला ओमिक्रॉन के मामले लगातर बढ़ने के बाद आया है।
क्या है कोरोना का नया इलाज?
यह नया इलाज ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के सिफारिश के बाद देखा गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़शन के एक्सपर्ट का कहना है कि जब ड्रग "बरिसिटिनिब" को "कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स" के साथ मिलाकर दिया जाता है तो सीरियस कोरोना पेशेंट में अच्छे नतीजे देखे गए हैं। इससे पेशेंट के बचने के चान्सेस बड़े हैं और वेंटीलेटर की जरुरत भी कम हुई है। "कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स" सूजन कम करने में बहुत असरदार होता है जो कि ज्यादा तक सीरियस केसेस की मैन परेशानी होती है।
इसके अलावा जो लोग बूढ़े हैं लेकिन कोरोना के खतरे में आते हैं उनके लिए एंटीबाडी ट्रीटमेंट "सोत्रोविमाब" लेने को कहा गया है। यह खास कर उन लोगों के लिए है जिन्हें पहले से ही कोई खतरनाक बीमारी है जैसे कि डायबिटीज है।
इंडिया में कोरोना के कुल मामले पिछले 24 घंटे में 2,64,202 सामने आये हैं। इसके अलावा ओमिक्रोन के मामले 5753 हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 481 लोगों की इंडिया में जान जा चुकी है कोरोना के कारण से।
नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर साइंटिस्ट का क्या कहना है?
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट करते हुए कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट वैक्सीन लगे और बिना वैक्सीन लगे दोनों लोगों को अटैक कर रहा है। लेकिन वैक्सीन जरुरी है क्योंकि इसके होने ने मामले सामने तो आ रहे हैं लकिन परिस्तिथि बिगड़ नहीं रही है और सीरियस नहीं हो रही है।
इन्होंने बताया कि वैक्सीन के अलावा इंसान की बॉडी के हिसाब से भी वैसे असर करती है। बूढ़े लोगों में उम्र के कारण और अन्य बिमारियों के कारण यह वायरस उन्हें कमज़ोर कर देता है।
साइंटिस्ट सौम्या ने इस बात पर जोर डाला है कि भले ही मामले बढ़ रहे हैं लेकिन कि सीरियस नहीं हो रहा है और वायरस नंबर्स के हिसाब से नुकसान नहीं पंहुचा रहा है।