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तीन माइग्रेंट वर्कर्स को घर भेजने के लिए बारह वर्षीय नोएडा गर्ल ने फ्लाइट बुक की

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Swati Bundela
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लॉकडाउन के दौरान देश भर में प्रवासी श्रमिकों को सबसे अधिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए देश के बहुत सारे नागरिक उनकी मदद करने के लिए आगे आ रहे है। लॉकडाउन के कारण बहुत से मजदूरों को बिना खाना और घर के रहना पड़ रहा है। बहुत से मजदूर शहरों में फंसे हुए है और अकेले यात्रा कर रहे हैं। मानवता का उदहारण देते हुए , नोएडा की एक 12 वर्षीय लड़की ने झारखंड में अपने घर से तीन मजदूरों को भेजने के लिए अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल किया।
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निहारिका द्विवेदी ने तीनों श्रमिकों के लिए एयर-टिकट बुक करने के लिए 48,000 रुपये की अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल किया । ऐसे में निहारिका की ओर से की गई पहल उनमें से कई लोगों के लिए राहत की बात है। निहारिका ने हमें दिखा दिया की इंसानियत के नाते हमें आपस में एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार निहारिका ने कहा, "समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है और इस संकट में उसे वापस देना हमारी जिम्मेदारी है।"
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निहारिका ने कहा, "समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है और इस संकट में उसे वापस देना हमारी जिम्मेदारी है।"



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मदद करने आगे आये और भी बहुत लोग

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“न्यूज़ चैनल देखने और इन लोगों के संघर्ष ने मुझे घर पहुंचने में प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने समाज में बहुत योगदान दिया है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस संकट में उनकी मदद करें।" निहारिका ने एएनआई को बताया, मैंने अपनी सेविंग से 48,530 रुपये निकाले थे और मैंने तीन लोगों की मदद करने के लिए इसका इस्तेमाल किया।



पूरा देश संकट से जूझ रहा है और इसके बीच अभिनेता
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सोनू सूद जैसे लोगों ने समाज में मानवता के उदाहरण के रूप में अपना काम किया है। उन्होंने महाराष्ट्र में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को देश के विभिन्न हिस्सों में उनके घरों तक भेजने के लिए बसों की व्यवस्था की है।



"मुझे पूरा विश्वास है कि इस मुश्किल समय में हम सब इस पान्डेमिक का सामना कर रहे हैं, हर भारतीय अपने परिवारों और प्रियजनों के साथ रहना चाहता है। मैंने महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकारों से इन मजदूरों को घर पहुंचाने में मदद करने के लिए आधिकारिक अनुमति ली है।" इसके लिए उन्होंने दस बसों का इंतज़ाम किया है, "उन्हें आईएएनएस से कहा था।
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