नूपुर शर्मा को प्रोफेट मुहम्मद पर की गई उनकी टिप्पणी के कारण मुस्लिम लोगों द्वारा धमकियां मिल रही है। दिल्ली पुलिस द्वारा नूपुर शर्मा को जान की धमकी देने वाले अनजान लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। लेकिन इन लोगों की पहचान अभी भी सामने नहीं आई है। इस तरह की धार्मिक घृणा वाली टिप्पणी करने की वजह से उन्हें बीजेपी पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है।
इन विवादित बयानों के चलते बीजेपी के मीडिया हेड नवीन जिंदल को भी नूपुर शर्मा के साथ पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया। नवीन जिंदल और नूपुर शर्मा की पोस्ट पिछले कुछ सालों से इसी तरह का विवाद खड़ा कर रही हैं। यह देश में डीप रिलीजियस पोलराइजेशन का संकेत देता है। हिंदू और मुस्लिम के धर्मों में भेदभाव करके हेट स्पीच का यह सिलसिला 2014 से और भी ज्यादा बढ़ गया है। इसका जिम्मेदार बीजेपी के 2014 में सत्ता में आने को ठहराया जा रहा है।
नूपुर शर्मा के विवादित कमेंट उत्तर प्रदेश के कानपुर में छिड़ी हिंसा का कारण बने। इस हिंसा में 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए और लगभग 1500 लोगों के खिलाफ चार्जशीट बनाई गई है। इसी के चलते नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन लिया गया और उन्हें बीजेपी से सस्पेंड कर दिया गया।
बीजेपी ने यह साफ कहा है कि वह किसी भी धर्म की आलोचना का समर्थन नहीं करती। उसने यह कहा कि वह सभी धर्मों और उनके ईश्वर की समान रूप से इज्जत करती है। उनका एजेंडा किसी की भी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है।
नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल ने ट्विटर पर जनता से अपने बयानों के लिए माफी मांगी है। नूपुर ने कहा कि वह अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे उनका एड्रेस सार्वजनिक रूप से ना फैलाएं।
देश के अंदर चल रहे यह धार्मिक विवाद अब देश से बाहर पहुंच चुके हैं। मिडल ईस्ट के देश जो ज्यादातर इस्लामिक है। उन्होंने भारतीय नेताओं के मुस्लिम धर्म के खिलाफ घृणा से भरे कमेंट की आलोचना की है। सऊदी अरब, बहरीन, ओमान और कतर जैसे देश मिडल ईस्ट में शामिल हैं।
कतर ने इन रिमार्क्स की आलोचना करते हुए कहा कि भारत को इसके लिए माफी मांगने की जरूरत है। इस तरह से इस्लाम के खिलाफ खुलेआम बिना किसी सजा के टिप्पणी किए जाना मानव अधिकारों के लिए खतरा साबित हो सकता है। यह देश में धार्मिक भेदभाव और हिंसा को बढ़ावा देगा।
सऊदी अरब ने भी इसकी आलोचना में एक स्टेटमेंट दी। फॉरेन अफेयर्स मिनिस्ट्री ने बीजेपी के प्रवक्ता द्वारा दी गई घृणापूर्ण स्टेटमेंट्स की आलोचना की है।