जापान के शाही परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य और सम्राट नारुहितो की ग्रेट-आंट प्रिंसेस मिकासा का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी ने पुष्टि की कि उन्होंने 15 नवंबर को टोक्यो के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। मार्च में हुए स्ट्रोक और निमोनिया के कारण वह अस्पताल में भर्ती थीं और इलाज के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका।
जापान के शाही परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य प्रिंसेस मिकासा का 101 साल की उम्र में निधन
प्रिंसेस मिकासा का जीवन परिचय
4 जून 1923 को युरिको ताकागी के रूप में जन्मीं प्रिंसेस मिकासा का संबंध एक उच्च वर्गीय परिवार से था। उन्होंने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड वॉर II के दौरान प्रिंस मिकासा से शादी की, जो सम्राट हिरोहितो के छोटे भाई थे। युद्ध के दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिनमें हवाई हमले में घर का नष्ट होना भी शामिल था। उन दिनों को याद करते हुए प्रिंसेस मिकासा ने कहा था कि माहौल तनावपूर्ण और भयावह था।
पारिवारिक जीवन और संघर्ष
प्रिंसेस मिकासा और प्रिंस मिकासा के पांच बच्चे हुए - दो बेटियां और तीन बेटे। दुर्भाग्यवश, उनके तीनों बेटों की उनके जीते-जी मृत्यु हो गई। इनमें से एक बेटे की 47 वर्ष की उम्र में कनाडाई एम्बेसी में स्क्वैश खेलते समय मौत हो गई। व्यक्तिगत दुखों और वित्तीय संघर्षों के बावजूद, उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरी लगन से निभाया। अपनी 100वीं सालगिरह पर उन्होंने अपने पति का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके समर्थन ने उन्हें यह सब सहने की ताकत दी।
जापान की शाही परंपरा और महिलाओं की भूमिका
जापान में केवल पुरुष उत्तराधिकार कानून के तहत महिलाएं सिंहासन की वारिस नहीं बन सकतीं और अगर वे शाही परिवार के बाहर शादी करती हैं, तो उन्हें अपना शाही दर्जा छोड़ना पड़ता है। हालांकि, प्रिंसेस मिकासा की तीन पोतियों ने अपना शाही दर्जा बनाए रखा। इनमें अकिको का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिन्होंने 2015 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपने अनुभव और एक हवाईअड्डा घटना पर किताब लिखकर पहचान बनाई।
शाही उत्तराधिकार को लेकर चिंता
प्रिंसेस मिकासा के निधन से जापान के शाही परिवार की उत्तराधिकार परंपरा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। सम्राट नारुहितो की बेटी प्रिंसेस आइको को 1947 के इंपीरियल हाउसहोल्ड लॉ के कारण सिंहासन का अधिकार नहीं है। वर्तमान में केवल 18 वर्षीय प्रिंस हिसाहिटो युवा पुरुष उत्तराधिकारी हैं।
जापान के शाही परिवार की इस अद्वितीय सदस्य का जीवन सादगी, संघर्ष और सेवा का प्रतीक है। उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएग।