क्या भारत में डॉक्टर वास्तव में सुरक्षित हैं? इस सवाल को निम्नलिखित मामलों को पढ़ने के बाद जरूर उठाया जाना चाहिए। एक चौंकाने वाली घटना में, एक निजी अस्पताल से ड्यूटी करके लौट रही एक नर्स के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना 30 जुलाई को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर हुई। नर्स का शव 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में काशीपुर रोड पर उसके आवास से 1.5 किमी दूर एक खाली प्लॉट में मिला।
उत्तराखंड में नर्स की निर्मम हत्या: महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
रिपोर्ट्स के अनुसार, नर्स अस्पताल से लौट रही थी और रुद्रपुर के इंद्रा चौक से एक ई-रिक्शा ली थी। हालांकि, वह अपने अपार्टमेंट नहीं लौटी जहां वह अपनी 11 वर्षीय बेटी के साथ रहती थी। इन क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी में यह कैद हो गया था।
अपराधी कैसे मिला?
जब नर्स घर नहीं लौटी तो उसकी बहन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने घटना के आठ दिन बाद दिबदीबा गांव के एक खाली प्लॉट में उसका शव बरामद किया। पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा गया जिसमें पता चला कि नर्स के साथ बलात्कार किया गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधी की तलाश के लिए एक टीम गठित की। उसे नर्स के मोबाइल की लोकेशन का उपयोग करके राजस्थान में पकड़ा गया। अपराधी धर्मेंद्र यूपी के बरेली का रहने वाला है। नर्स का मोबाइल और 3000 रुपये धर्मेंद्र के पास मिले।
घटना के दिन क्या हुआ?
घटना के दिन धर्मेंद्र नशे में था और उसने नर्स को देखा, उसने उसका पीछा किया और उसके अपार्टमेंट पहुंचने के समय उस पर हमला कर दिया। धर्मेंद्र उसे पास की झाड़ियों में घसीटा और उसके साथ बलात्कार किया।
उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने मीडिया को बताया, "उसने उसे पास की झाड़ियों में घसीटा। बलात्कार किया और उसका दुपट्टा इस्तेमाल कर उसका गला घोंट दिया।"
एक और समान घटना
एक अन्य चौंकाने वाली घटना में, 23 वर्षीय एक व्यक्ति ने 14 अगस्त को कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (CMCH) में एक सर्जन का यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया। रात करीब साढ़े आठ बजे आरोपी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का रहने वाला मयंक गालर दोपहिया स्पार्कलिंग स्लॉट में सर्जन का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की।
उसने कथित तौर पर डॉक्टर का यौन उत्पीड़न करने के लिए अपने कपड़े उतार दिए। लेकिन उसने मयंक को धक्का देकर अपने हॉस्टल की ओर भाग गई। आरोपी भी मौके से फरार हो गया लेकिन रात करीब 1 बजे कैजुअल्टी में आने पर उसे पकड़ लिया गया।
मेडिकल छात्रों और सर्जनों ने किया विरोध
इस घटना से इन-हाउस सर्जन और पीजी छात्रों में आक्रोश है। इन-हाउस सर्जन कैंपस में जमा हो गए और कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि वे तभी अपने हॉस्टल वापस जाएंगे जब रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का वादा करेगा।
जिस दिन भारत स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, इन-हाउस सर्जन और स्नातकोत्तर चिकित्सा छात्रों ने प्रशासनिक ब्लॉक के सामने यौन उत्पीड़न की निंदा करते हुए प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनों की मांगें
उन्होंने रात में सुरक्षा गार्ड, उचित प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे लगाने और रात में कैंपस में पुलिस गश्त की भी मांग की।
इन-हाउस सर्जनों में से एक ने मीडिया को बताया, "ज्यादातर सर्विलांस कैमरे खराब हैं और कैंपस के कई जगहों पर रात में अच्छी रोशनी नहीं होती है। 150 इन-हाउस सर्जन में से 80 महिलाएं हैं और उनके पास अपने हॉस्टल और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में रहने वाले लोगों को छोड़कर अलग-अलग टॉयलेट नहीं हैं।"
सीएमच की डीन ए. निर्मला ने सर्जनों के साथ चर्चा की और सुरक्षा बढ़ाने का वादा किया। उन्होंने मीडिया को बताया कि हालांकि कैंपस में पहले से ही अच्छी सुरक्षा है, लेकिन वह इसमें और इजाफा करेंगी।
उन्होंने कहा, "लोक निर्माण विभाग ने सूचित किया है कि महिला हाउस सर्जनों के लिए शौचालय जल्द तैयार कर दिए जाएंगे। करीब 200 क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे हैं और खराब हो चुके कैमरों को ठीक कराया जाएगा। कैंपस में और लाइटें लगाई जाएंगी।"
रिपोर्ट्स के अनुसार, मयंक रेलवे स्टेशन पर घूम रहा था, जब वह अस्पताल परिसर पहुंचा। अब वह बीएनएस की धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और तमिलनाडु उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा 4 (महिलाओं के उत्पीड़न के लिए दंड) के तहत पुलिस हिरासत में है।
उत्तराखंड में नर्स के साथ हुई भयानक घटना और कोयंबटूर में डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश ने देश में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिलाओं, खासकर डॉक्टरों और नर्सों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही, जागरूकता फैलाने और समाज में बदलाव लाने के लिए लोगों को आगे आना होगा।