Paris Olympics To Hand Out 300,000 Condoms To Athletes: पेरिस ओलिंपिक 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं। हाल ही में, ओलंपिक विलेज के निर्देशक लॉरेंट मिचौद ने एक दिलचस्प जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार 14,250 खिलाड़ियों के लिए करीब 3 लाख कंडोम उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस बार खिलाड़ियों के बीच किसी तरह का शारीरिक सम्पर्क प्रतिबंध (Intimacy Ban) नहीं होगा। हालांकि, यह खबर सुनकर कई लोग हैरान हो गए। कुछ लोगों को तो समझ ही नहीं आया कि आखिर ओलिंपिक्स में कंडोम की क्या जरूरत है।
पेरिस ओलिंपिक में 3 लाख कंडोम बांटे जाएंगे, मगर क्यों?
टोक्यो ओलिंपिक में लगा था प्रतिबंध
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते 2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में खिलाड़ियों के बीच शारीरिक सम्पर्क पर पाबंदी लगाई गई थी। इस दौरान खिलाड़ियों को प्रतियोगिता से 14 दिन पहले से लेकर पूरे खेलों के दौरान और यहां तक कि उनके आने के 14 दिन बाद तक एक-दूसरे से मिलने की अनुमति नहीं थी। साथ ही, खिलाड़ियों को हर समय साढ़े छह फीट की दूरी बनाए रखने और नियमित जांचों के साथ स्वच्छता का पालन करना भी अनिवार्य था। दर्शकों को भी जोर से हौसला बढ़ाने की अनुमति नहीं थी, केवल ताली बजाने की इजाजत थी।
जागरूकता फैलाने की मुहिम
हालांकि, ओलिंपिक्स में कंडोम बांटना कोई नई बात नहीं है। रॉयटर्स को दिए एक बयान में ओलंपिक आयोजकों ने बताया, "कंडोम का वितरण एथलीट्स विलेज में इस्तेमाल करने के लिए नहीं है, बल्कि खिलाड़ी उन्हें अपने देशों में वापस ले जाकर एचआईवी और एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ले जाते हैं।" दरअसल, उम्मीद की जाती है कि खिलाड़ी इन कंडोम को अपने देशों में ले जाकर एचआईवी और एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगे।
पेरिस के ओलंपिक विलेज के निदेशक ने यह भी बताया कि खेलों के दौरान एथलीट्स को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के आराम के लिए उन्होंने एक स्पोर्ट्स बार बनाया है। "हालांकि, गांव में शैंपेन की अनुमति नहीं होगी, लेकिन वे पेरिस में जितना चाहें उतना शैंपेन पी सकते हैं।"
ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स वास्तविक जागरूकता अभियान को समझे बिना ही गलत अर्थ लगा बैठे। कुछ लोगों ने कमेंट किया, "ओलंपिक इवेंट में उन्हें कंडोम की ज़रूरत क्यों है?" और "ओलंपिक विलेज में जो होता है, वो ओलंपिक विलेज में ही रहता है।" यह विडंबना ही है कि एथलीट्स को कंडोम देकर एचआईवी और एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने का पूरा अभियान सोशल मीडिया यूजर्स को बिल्कुल समझ नहीं आया।