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जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, भारत में कोरोनावायरस के केसेस बढ़ते ही जा रहे है। फिलहाल, केसेस 2000 से ऊपर हो चुके हैं और 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन यह बात सुन कर मन को चैन मिलता है, कि 156 लोग ठीक भी हो गए हैं। यही नहीं, हमारे पास एक और अच्छी खबर है - अभी भारत में ऐसे चार ही पेशेंट्स हैं, जो वेंटीलेटर पर हों।
लेकिन हाँ, यह बात याद रखियेगा कि यह सब हमें 'सोशल डिस्टेंसिंग' की लक्ष्मण रेखा में रह कर ही करना है। सभी को हिदायत दी गई है कि कोई भी अपने घर से बाहर नहीं निकले।
हालांकि उन्होंने वायरस व उसके कण्ट्रोल कोई बात नहीं कही, लेकिन यह वायरस के बारे में देश को उनका तीसरा सन्देश था। उन्होंने लोगो को उनके संयम के लिए धन्यवाद कहा, और यह भी कहा कि 'भारत दुनिया में एक उदाहरण पेश कर रहा है।'
उनका कहना था की यह कोरोनावायरस को एक चुनौती देने जैसा होगा। इससे हम ना सिर्फ अपनी ज़िंदगियों में प्रकाश ला रहे हैं, बल्कि हमारे समाज में रहने वाले गरीब लोगों की ज़िंदगी में भी। यह अन्धकार से प्रकाश की ओर बढ़ने के लिए एक कदम होगा।
19 मार्च
उन्होंने घोषणा की, कि 22 मार्च, रविवार को देश सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक लॉकडाउन पर रहेगा। इसे 'जनता कर्फ्यू' का नाम दिया गया। यह इसलिए था ताकि यह देखा जा सके कि अगर कड़े कदम उठाने पड़े, तो देश कितना सह पाएगा।
24 मार्च
देश के नाम दुसरे सन्देश में, उन्होंने देश को पूरी तरह से लॉकडाउन करने का कहा। 'लोगो की मूवमेंट को रोकने के लिए सरकार की तरफ से सभी एफर्ट्स किये जाएंगे,' उन्होंने कहा।
और देश को उनका तीसरा सन्देश, आज दिया गया।
कोरोनावायरस के चलते, अभी तक सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आये हैं, जहाँ केसेस 400 के पार पहुँच चुके हैं।
(यह आर्टिकल महक कौर कक्कर द्वारा लिखा गया है)
इस सब अंधियारे के बीच, हमारे प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी ने उजियारे का 'महाशक्ति जागरण' करने को कहा है। आज सुबह, यानी कि 3 अप्रैल 2020, 9 बजे उन्होंने जनता को एक वीडियो सन्देश भेजा,जिसमे वह कह रहे थे कि रविवार, 5 अप्रैल की रात 9 बजे, 9 मिनट के लिए सभी को अपने घर के दरवाज़े/बालकनी में आ कर दिया/मोमबत्ती/टोर्च/मोबाइल की फ्लैशलाइट जलानी है।
लेकिन हाँ, यह बात याद रखियेगा कि यह सब हमें 'सोशल डिस्टेंसिंग' की लक्ष्मण रेखा में रह कर ही करना है। सभी को हिदायत दी गई है कि कोई भी अपने घर से बाहर नहीं निकले।
हालांकि उन्होंने वायरस व उसके कण्ट्रोल कोई बात नहीं कही, लेकिन यह वायरस के बारे में देश को उनका तीसरा सन्देश था। उन्होंने लोगो को उनके संयम के लिए धन्यवाद कहा, और यह भी कहा कि 'भारत दुनिया में एक उदाहरण पेश कर रहा है।'
उनका कहना था की यह कोरोनावायरस को एक चुनौती देने जैसा होगा। इससे हम ना सिर्फ अपनी ज़िंदगियों में प्रकाश ला रहे हैं, बल्कि हमारे समाज में रहने वाले गरीब लोगों की ज़िंदगी में भी। यह अन्धकार से प्रकाश की ओर बढ़ने के लिए एक कदम होगा।
अभी तक पीएम के द्वारा देश को सन्देश:
19 मार्च
उन्होंने घोषणा की, कि 22 मार्च, रविवार को देश सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक लॉकडाउन पर रहेगा। इसे 'जनता कर्फ्यू' का नाम दिया गया। यह इसलिए था ताकि यह देखा जा सके कि अगर कड़े कदम उठाने पड़े, तो देश कितना सह पाएगा।
24 मार्च
देश के नाम दुसरे सन्देश में, उन्होंने देश को पूरी तरह से लॉकडाउन करने का कहा। 'लोगो की मूवमेंट को रोकने के लिए सरकार की तरफ से सभी एफर्ट्स किये जाएंगे,' उन्होंने कहा।
और देश को उनका तीसरा सन्देश, आज दिया गया।
कोरोनावायरस के चलते, अभी तक सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आये हैं, जहाँ केसेस 400 के पार पहुँच चुके हैं।
(यह आर्टिकल महक कौर कक्कर द्वारा लिखा गया है)