पूर्व IAS ट्रेनी पुजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से दी अग्रिम जमानत, कोर्ट ने कहा, वह न तो आतंकवादी हैं और न ही ड्रग माफिया

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व IAS ट्रेनी पुजा खेडकर को अग्रिम जमानत दे दी है। उन पर यूपीएससी परीक्षा में आरक्षण लाभ के लिए गलत जानकारी देने का आरोप है।

Vaishali Garg & Priya Singh
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UPSC Cancels IAS Puja Khedkar's Selection,

Image Credit: Instagram

Former IAS trainee Puja Khedkar granted anticipatory bail by Supreme Court: एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत प्रदान की है। खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने 2022 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांग कोटा का लाभ उठाने के लिए झूठी जानकारी दी। हालांकि, खेडकर ने अपने खिलाफ सभी आरोपों का खंडन किया है। कोर्ट ने कहा कि यह कोई गंभीर अपराध नहीं है।

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पूर्व IAS ट्रेनी पुजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से दी अग्रिम जमानत, कोर्ट ने कहा, वह न तो आतंकवादी हैं और न ही ड्रग माफिया

PTI की खबर के अनुसार, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि खेडकर ने कोई हिंसक या संगीन अपराध नहीं किया है। कोर्ट ने टिप्पणी की, “उसने कौन सा बड़ा अपराध किया है? वह न तो आतंकवादी है, न ही ड्रग माफिया। उसने हत्या नहीं की है। वह एनडीपीएस अपराधी भी नहीं है।”

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए थी और खेडकर को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।

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क्या हैं आरोप?

पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने 2022 की यूपीएससी परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांग आरक्षण का लाभ उठाने के लिए गलत जानकारी दी। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। यूपीएससी ने भी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी और फर्जी पहचान के जरिए परीक्षा में बैठने के मामले में आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

पूर्व IAS ट्रेनी पुजा खेडकर ने कहा 'UPSC को अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है'

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UPSC का अधिकार नही

खेडकर ने कहा, "एक बार चयनित और प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के बाद, यूपीएससी को उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है।" वह यूपीएससी द्वारा दायर आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत मांग रही हैं। उन्होंने दावा किया कि केवल केंद्र सरकार का कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ही उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

जानिए क्या है IAS पूजा खेडकर विवाद 

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एक बड़े फैसले में प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी पूजा खेडकर का चयन रद्द कर दिया है। आरोप है कि उन्होंने अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश किया था। इसके अलावा, UPSC ने उन्हें भविष्य की सभी सिविल सेवा परीक्षाओं से भी प्रतिबंधित कर दिया है।

संघ लोक सेवा आयोग ने 31 जुलाई को विवादों से घिरी प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी पूजा खेडकर के चयन को रद्द कर दिया। आरोप है कि उन्होंने अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश किया था। साथ ही, आयोग ने पाया कि उन्होंने निर्धारित सीमा से अधिक बार परीक्षा दी थी, जिसके चलते उन्हें भविष्य की सिविल सेवा परीक्षाओं से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इससे पहले 18 जुलाई को UPSC ने खेडकर को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उन्होंने 2022 में जमा किए गए आवेदन पत्र में विकलांगता और जाति की श्रेणी को गलत तरीके से दिखाया था। उन्हें 25 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने 4 अगस्त तक समय मांगा था।

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पूजा खेडकर, पुणे में तैनात एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी, फिलहाल विवादों के घेरे में हैं। उन पर दुरुपयोग और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप है। एक नए विवाद ने जन्म लिया है, जिसमें IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब जुलाई 2024 में खेडकर का तबादला वाशिम किया गया।

नकली प्रमाणपत्र का आरोप

खेडकर खुद भी विवादों से घिरी हुई हैं, क्योंकि उन पर सिविल सेवा परीक्षा के फॉर्म में विकलांगता और जाति के बारे में झूठे दावे करने का आरोप है। उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोक दिया गया है और उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी बुलाया गया है।

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पुलिस जांच में सामने आए नए पहलू

16 जुलाई को अधिकारियों ने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों ने पिछले दिन उनके आवास का दौरा किया था जब उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, टीवी चैनलों से बात करते हुए खेडकर ने उत्पीड़न की शिकायत पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

दिव्यांगता और जाति प्रमाण पत्र में हेराफेरी? विवादों में घिरीं IAS अफसर पूजा खेडकर

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आरोपों की जद में पूजा खेडकर 

पूजा खेडकर, जिन्होंने 3 जून को अपना कार्यभार संभाला था, पर आरोप है कि उन्होंने एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के तौर पर अपने अधिकारों का उल्लंघन किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी निजी लग्जरी कार पर वीआईपी नंबर प्लेट और लाल बत्ती का इस्तेमाल किया, साथ ही उस पर 'महाराष्ट्र सरकार' का स्टिकर भी लगाया। पुणे कलेक्टर सुहास दिवेसे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर प्रशिक्षु के रूप में शामिल होने से पहले ही एक निजी केबिन, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी की मांग भी की थी।

खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्रों में हेराफेरी कर सिविल सेवा परीक्षा पास करने का भी आरोप है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने दावा किया था कि उन्हें मानसिक बीमारी और दृष्टि संबंधी समस्या है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2022 में उन्हें अपने दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए दिल्ली के एम्स में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोविड -19 संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया।

विवादों के और पहलू 

खेडकर के पिता दिलीप खेडकर, जो राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं, उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस दौरान उन्होंने कथित तौर पर अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी। हालांकि, पूजा खेडकर ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) गैर-क्रीमी लेयर श्रेणी के तहत आवेदन किया था, जिसमें उन्होंने अपनी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये बताई थी।

यह भी आरोप है कि उन्होंने पुणे कलेक्टर कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी, अजय मोरे की नेमप्लेट हटा दी थी, जिन्होंने उन्हें अपने कार्यालय के रूप में अपने चैंबर का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। नियमों के अनुसार, एक प्रशिक्षु को इन सुविधाओं को प्रदान नहीं किया जाता है और उन्हें पहले राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्त होने की आवश्यकता होती है। खेडकर ने कथित तौर पर यूपीएससी 2022 बैच में 841वीं रैंक हासिल की थी।

पूजा खेडकर ने वाशिम जिले में अपनी तैनाती पर खुशी जताई है और काम करने की उत्सुकता व्यक्त की है। साथ ही, उन्होंने सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले पर बोलने की अनुमति नहीं है।

एक नए विवाद में, एक वीडियो सामने आया है जिसमें पूजा खेडकर की माँ, मनोरमा खेडकर, एक स्थानीय किसान को कथित भूमि विवाद को लेकर बंदूक से धमका रही हैं। यह घटना पुणे जिले के धड़वाली गाँव में 5 जून, 2023 को हुई थी।

हालांकि, उस समय मनोरमा के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन पुणे ग्रामीण पुलिस के अधीक्षक पंकज देशमुख ने पुष्टि की कि हाल ही में इस मामले में एक अपराध दर्ज किया गया है। 65 वर्षीय किसान की शिकायत पर पाउड पुलिस स्टेशन में मनोरमा खेडकर, उनके पति दिलीप खेडकर और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 323, 504, 506, 143, 144, 147, 148 और 149 तथा भारतीय आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

महिला IAS अधिकारी IAS Officer