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Photograph: (Business Standard)
Poonam Gupta Became Deputy Governor Of RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपना नया डिप्टी गवर्नर मिल गया है। सरकार ने नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की महानिदेशक पूनम गुप्ता को RBI के चौथे डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक निर्धारित है। वह माइकल देबब्रत पात्रा की जगह लेंगी, जो इस साल जनवरी में रिटायर हुए थे।
जानिए कौन हैं Poonam Gupta जो बनीं RBI की डिप्टी गवर्नर
खबरों के अनुसार कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पूनम गुप्ता की नियुक्ति को मंजूरी दी है। वह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य भी हैं। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा, जिसमें वह आरबीआई की मौद्रिक नीति और अन्य महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों में अहम भूमिका निभाएंगी।
पूनम गुप्ता के बारे में
पूनम गुप्ता एक अनुभवी अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने मैरीलैंड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है और अर्थशास्त्र में दो मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं, जिनमें से एक दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दूसरी मैरीलैंड विश्वविद्यालय से है। उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) में ग्लोबल मैक्रो और मार्केट रिसर्च के लिए लीड इकोनॉमिस्ट के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा, वह इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में शोधकर्ता भी रह चुकी हैं।
Financial Sector में उनकी भूमिका
पूनम गुप्ता की नियुक्ति के साथ, RBI के चार डिप्टी गवर्नर पूरे हो गए हैं। केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं, जिनमें एक अर्थशास्त्री, एक वाणिज्यिक बैंकर और दो RBI के अपने ही अधिकारियों में से चुने जाते हैं। पात्रा के रिटायरमेंट के बाद यह पद दो महीने से अधिक समय तक खाली था।
गुप्ता की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही है, जिनमें मुद्रास्फीति, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता प्रमुख हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इन चुनौतियों का कैसे सामना करती हैं और RBI की नीतियों में क्या नया योगदान देती हैं।