/hindi/media/media_files/BoQ4856Dbhu7G7kr5jHl.png)
पीआरएजी
Paid Menstrual Leave: पीआरएजी या प्राग (PRAG) ने आज अपने सफलापूर्वक पांच साल पूरे कर लिए हैं। पीआरएजी संस्था की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के जरिए बताया गया है कि प्राग को आज पांच साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर संस्थान ने एक नई घोषणा की है। प्राग ने पेड मेंस्ट्रूअल लीव पर फ़्री कंसल्टेशन देने की घोषणा की है।
पेड मेंस्ट्रूअल लीव पर देगा फ़्री कंसल्टेशन
पीआरएजी या पब्लिक रिलेशन एंड एडवोकेसी ग्रूप ऐसी पहली जनसंपर्क और संचार से जुड़ी संस्था है जिसने अपने ऑर्गनाइज़ेशन में मासिक धर्म से जुड़ी पेड लीव को लेकर शुरुआत की थी। इसके साथ ही संस्थान ने मासिक धर्म से जुडी छुट्टी को लेकर बहुत वक़ालत भी की थी। पब्लिक रिलेशन एंड एडवोकेसी ग्रूप (पीआरएजी) ने अपने पांच साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज नई जानकारी दी है। पीआरएजी ने कहा है कि वो उन सभी संस्थानों को पूरी तरह फ़्री में जनसंपर्क से जुड़ी कंसल्टेशन देगा जो अपने संस्थानों में मासिक धर्म से जुड़ी पेड लीव दे रहे हैं या देंगे।
मीडिया एजेंसी की तरह करता है कार्य
बता दें संस्थान हमेशा से ही मासिक धर्म से जुड़ी छुट्टी को लेकर महिला सशक्तिकरण के रूप में साथ दे रहा है। पीआरएजी का कार्य टैलेंटेड प्रोफ़ेशनल्स के जरिए अन्य संस्थानों को जनसंपर्क और ब्रांड मेनेजमेंट से जुड़ी सेवाएं प्रदान करना है। पीआरएजी इसके लिए पब्लिक रिलेशन्स, डिजिटल मार्केटिंग, इवेंट मेनेजमेंट और पॉलिटिकल कैंपेन जैसी सेवाएं देता रहा है। जल्द ही पीआरएजी आर्टीफ़ीशियल इंटेलिजेंस के जरिए अपनी सेवाओं में और विस्तार करने जा रहा है।
मासिक धर्म से जुड़े बिल पर की मदद
22 मार्च, 2018 को अपने सिर्फ़ तीन माह में ही पीआरएजी ने पूर्वी अरुणाचल के एमपी, निनांग इर्रिंग के मासिक धर्म लाभ विधेयक, 2017 बिल को लेकर अपनी पूरी प्रतिबद्धता दिखाई दी। इसके साथ ही पीआरएजी ने बिल को लेकर किसी भी तरह की टैक्निकल मदद भी दी थी। इस बिल का देश ही नहीं विदेशों में भी इतना प्रभाव पड़ा कि बहुत सी संस्थानों ने मासिक धर्म को लेकर छुट्टी अपने संस्थानों में लागू कर दी।
पीआरएजी के सीईओ और फ़ाउडर, गौरव गौतम ने मासिक धर्म से छुट्टी को लेकर अहम् जानकारी साझा करते हुए कहा, "हमारी इस यात्रा में जिसमें महिला कर्मचारियों के पेड मेंस्ट्रूअल लीव को लेकर सपोर्ट और प्रमोट किया जा रहा था, उस दौरान प्रोडक्टिविटी को लेकर भी बहुत से सवाल उठे थे। मेरे विचारों और अनुभव के अनुसार इसका उल्टा विपरीत ही असर हुआ। प्रोडक्टिविटी बढ़ती है, क्रिएटिविटी बढ़ती है और पॉज़िटिविटी और गुडविल भी प्रदर्शित होती है संस्थान और उसके कर्मचारियों की सफलता से। प्राग के लिए पेड मेंस्ट्रूअल लीव एक आइडिया ही नहीं है बल्कि एक कल्चर है जो प्राग चाहता है हर संस्थान में लागू हो।"