Praggnanandhaa Defeats World Champion Carlsen in Norway Chess : युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंदा ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पहली बार वर्तमान विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को शास्त्रीय मैच में हराकर अपना नाम शतरंज के इतिहास में दर्ज करा लिया है। तीन राउंड के बाद, 18 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी, जिसने पहले रैपिड/एक्सहिबिशन मैचों में कार्लसन को हराया है, 5.5 अंकों के साथ शीर्ष पर पहुंच गया।
प्रज्ञानंदा ने रचा इतिहास: नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन कार्लसन को दी मात
युवा प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन
प्रज्ञानंदा सफेद मोहरों के साथ खेल रहे थे, और उनकी जीत ने घरेलू पसंदीदा कार्लसन को अंक तालिका में पांचवें स्थान पर ले गई। शास्त्रीय शतरंज, जिसे कभी-कभी धीमी शतरंज के रूप में जाना जाता है, खिलाड़ियों को अपने चाल चलने के लिए अधिक समय देता है, आमतौर पर कम से कम एक घंटा। इससे पहले कार्लसन और प्रज्ञानंदा इस प्रारूप में अपने पिछले तीन मैच ड्रा कर चुके थे। प्रज्ञानंदा की बहन आर. वैशाली ने महिला टूर्नामेंट में 5.5 अंकों के साथ जीत हासिल की।
भारतीय शतरंज के लिए ऐतिहासिक क्षण
प्रज्ञानंदा की जीत भारतीय शतरंज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह जीत इस बात का संकेत है कि युवा भारतीय खिलाड़ी विश्व स्तर पर शतरंज में अपना दबदबा बना रहे हैं।
प्रज्ञानंदा की जीत की खबर सुनकर शतरंज दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने भी ट्वीट कर उनकी जीत का जश्न मनाया। कई अन्य राजनेताओं और शतरंज प्रेमियों ने भी प्रज्ञानंदा की शानदार जीत के लिए उन्हें बधाई दी।
Pragg goes through to the final! He beats Fabiano Caruana in the tiebreak and will face Magnus Carlsen now.
— Viswanathan Anand (@vishy64theking) August 21, 2023
What a performance!@FIDE_chess #FIDEWorldCup2023
18 years old Indian chess sensation Praggnanandhaa defeats 31 years old Fabiano Caruana (who's the third highest rated chess player ever) & qualifies to the finals.
— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) August 21, 2023
This guy is already a legend! I wish he gets even 1% of the attention that cricketers get. pic.twitter.com/va15T49Nlw
यह जीत इस बात का प्रमाण है कि भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी विश्व पटल पर अपना लोहा मनवा रहे हैं। प्रज्ञानंदा की यह जीत न केवल भारतीय शतरंज के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।