Pune Auto Driver Booked For Harassment: जब बात हमारे देश में महिला सुरक्षा की आती है तो आज भी हमारा देश बहुत पीछे है। हर दिन कोई ना कोई घटना है यह साबित करती है कि देश में महिला सुरक्षा को लेकर कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है। पुणे के एक ऑटो ड्राइवर पर 18 साल की एक लड़की को कथित तौर पर किस करने और उसके साथ छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। लड़की द्वारा दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक, वह शाम करीब पांच बजे ऑटो में बैठी थी। उसने दावा किया कि ड्राइवर ने उसका हाथ पकड़ लिया था और उसे अनुचित तरीके से छुआ था। उसके विरोध के बावजूद उसने ऑटो को सड़क के किनारे खड़ा कर दिया और उसे जबरदस्ती किस किया। युवती किसी तरह ऑटो से बाहर निकली।
पुणे के एक ऑटो ड्राइवर ने 18 वर्षीय महिला यात्री के साथ की छेड़ छाड़
लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि उसने सचिन के नाम से एक नंबर उसके फोन में सेव किया और वहां से चला गया। इसके बाद लड़की ने ऑटो चालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया। ऑटो ड्राइवर पर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 डी (पीछा करना), 354 ए (यौन उत्पीड़न), और 505 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक ऑटो ड्राइवर ने की महिला जर्नलिस्ट के साथ छेड़छाड़
मार्च के पहले सप्ताह में, दिल्ली में एक उबर ऑटो ड्राइवर ने एक पत्रकार महिला यात्री को परेशान किया। भारत नगर निवासी पत्रकार ने फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने कहा कि जब वह न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से मालवीय नगर जा रही थी तो उबर ऑटो चालक विनोद कुमार यादव ने उसके साथ अश्लील हरकत की और उसे घूर कर देखा। आपको बता दें कि आरोपी विनोद कुमार यादव को पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में हिरासत में लिया था। दक्षिण पूर्व पुलिस उपायुक्त राजेश देव के मुताबिक आईपीसी की धारा 509 (शब्दों, इशारों, या किसी महिला की लज्जा को ठेस पहुंचाने के लिए बनाई गई हरकत) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महिला पत्रकार ने पूरी आपबीती ट्विटर पर शेयर की और इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उसने उल्लेख किया कि पुलिस को बुलाने की धमकी देने के बावजूद उसने कैसे अनुचित व्यवहार करना जारी रखा। उसने उसे कॉल करने की हिम्मत भी की थी।
यह घटना यह दर्शाती है की एक महिला ना तो सड़क पर, ना एयरोप्लेन, ना ही ट्रेन में और ना ही ऑटो में और ना कोई और पब्लिक अन्य ट्रांसपोर्टेशन में सुरक्षित। महिला सुरक्षा को लेकर हमारे देश को अभी बहुत ही लंबा रास्ता तय करना बाकी है क्योंकि मंजिल बहुत दूर है अभी हमें दिखाई भी नहीं दे रहा है कि महिला देश में कब पूरी तरह सुरक्षित होगी।