Rabea Rogge: जर्मनी की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ने रचा इतिहास

रबेआ रोगे ने जर्मनी की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनकर इतिहास रच दिया। Fram2 मिशन के तहत उन्होंने स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन रेजिलिएंस से उड़ान भरी और कई वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा ले रही हैं।

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Priya Singh
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Rabea Rogge

Photograph: (Image credit: SpaceX)

Rabea Rogge: Germany's First Female Astronaut Reaches Space: रबेआ रोगे ने जर्मनी की अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। वह Fram2 मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाली पहली जर्मन महिला बन गई हैं। 1 अप्रैल को उन्होंने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन रेजिलिएंस स्पेस कैप्सूल में सवार होकर उड़ान भरी। उनके साथ तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रू मेंबर भी इस मिशन का हिस्सा हैं।

Rabea Rogge: जर्मनी की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ने रचा इतिहास

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यह मिशन कुल 86 घंटे और 38 मिनट तक चलेगा, यानी यह चार दिनों से थोड़ा कम समय का होगा। इस दौरान टीम कई वैज्ञानिक प्रयोग करेगी, जिनका संबंध अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और नई खोजों से होगा।

रबेआ रोगे कौन हैं?

रबेआ रोगे जर्मनी की राजधानी बर्लिन में पैदा हुईं और अपनी पढ़ाई ज्यूरिख में पूरी की। उन्होंने ETH ज्यूरिख (स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में समुद्री प्रौद्योगिकी में पीएचडी शुरू की।

रोगे ने अपने करियर में विज्ञान और तकनीक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। वह डाटा-ड्रिवन नेविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल पर रिसर्च कर रही हैं, जो कठिन परिस्थितियों में स्वायत्त जलयानों (Autonomous Surface Vehicles) के संचालन में मदद करता है। इसके अलावा, उन्होंने स्विस एकेडमिक स्पेसफ्लाइट इनिशिएटिव (ARIS) के तहत एक सैटेलाइट मिशन का नेतृत्व भी किया है।

मिशन Fram2 और इसकी खासियत

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Fram2 मिशन के तहत रबेआ रोगे के साथ तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं—चुन वांग, जानिके मिकेलसेन और एरिक फिलिप्स।

इस मिशन की एक खास बात यह है कि यह पहला ऐसा अभियान है, जिसमें मानव क्रू ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर से निचली पृथ्वी कक्षा (Low Earth Orbit - LEO) में जाएगा। इससे पहले इतनी ऊँचाई पर जाने वाले मिशनों में रोबोटिक उपग्रहों का ही इस्तेमाल किया गया था।

स्पेसएक्स के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मिशन है, क्योंकि यह फाल्कन 9 रॉकेट के पहले चरण के छठे पुन: उपयोग और छठे निजी वित्तपोषित मानव अंतरिक्ष उड़ान का गवाह बनेगा।

वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान

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इस मिशन में कुल 20 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य अंतरिक्ष में मानव शरीर की क्षमताओं को समझना और नई तकनीकों का परीक्षण करना होगा।

रबेआ रोगे इस मिशन की वैज्ञानिक निदेशक हैं और उनके नेतृत्व में कई शोध किए जाएंगे। इनमें प्रमुख प्रयोग इस प्रकार हैं—

1. शून्य गुरुत्वाकर्षण में मशरूम उगाने का प्रयास, जिससे भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना आसान होगा।

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2. STEVE (Strong Thermal Emission Velocity Enhancement) नामक एक अद्वितीय प्रकाशीय घटना का अध्ययन, जो पृथ्वी की सतह से 400-500 किमी की ऊँचाई पर दिखाई देती है।

रबेआ रोगे की यह उपलब्धि केवल जर्मनी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है। अंतरिक्ष विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में यह एक अहम कदम है।

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