टाटा ट्रस्ट्स में माया और लिया टाटा की नियुक्ति: जानिए पूरी जानकारी

माया और लिया टाटा को टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड में शामिल किया गया है, जिससे टाटा ग्रुप में नई पीढ़ी का नेतृत्व मजबूत हो रहा है। जानिए नोएल टाटा के परिवार और उनकी भूमिका के बारे में पूरी जानकारी।

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Vaishali Garg
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Maya, Leah Tata Appointed On Top In Tata Trusts

टाटा ग्रुप के परोपकारी ट्रस्ट्स में अब नोएल टाटा के बच्चे, माया और लिया टाटा, अहम भूमिकाएँ निभाने जा रहे हैं। नोएल टाटा, जो दिवंगत भारतीय उद्योगपति रतन टाटा के सौतेले भाई हैं, उनके परिवार के सदस्य अब टाटा ट्रस्ट्स की नई पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे हैं।

माया और लिया टाटा को टाटा ट्रस्ट्स में बड़ी जिम्मेदारी

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएल टाटा की बेटियाँ माया और लिया को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTI) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में शामिल किया गया है। वे अर्नाज़ कोटवाल और फ्रेडी तलाटी की जगह लेंगी। हालांकि, इस बदलाव से ट्रस्ट के भीतर मतभेद भी देखने को मिले, क्योंकि निवर्तमान ट्रस्टी अर्नाज़ कोटवाल ने अपनी असहमति जाहिर की और इस्तीफा देने के लिए कहे जाने पर निराशा व्यक्त की।

यह नियुक्ति टाटा ग्रुप के नेतृत्व में नई पीढ़ी को शामिल करने की योजना का हिस्सा है। इस बदलाव के साथ, नोएल टाटा के तीनों बच्चे—माया, लिया और नेविल टाटा—अब छोटे टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड का हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि, उन्हें अभी तक दो मुख्य ट्रस्ट्स—सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट्स तथा सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट्स में शामिल नहीं किया गया है।

टाटा परिवार की विरासत

नसरवानजी टाटा (1822–1886): टाटा परिवार के संस्थापक, नसरवानजी, एक पारसी पुजारी थे जिन्होंने व्यापार की दुनिया में कदम रखा और टाटा साम्राज्य की नींव रखी।

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जमशेदजी टाटा (1839–1904): नसरवानजी के पुत्र और टाटा समूह के संस्थापक, जमशेदजी को भारतीय उद्योग का जनक माना जाता है। उन्होंने टाटा स्टील, ताजमहल होटल और टाटा पावर की स्थापना की।

दोराबजी टाटा (1859–1932): जमशेदजी के बड़े पुत्र, दोराबजी ने टाटा स्टील का विस्तार किया और टाटा पावर की स्थापना में सहायता की।

रतनजी टाटा (1871–1918): जमशेदजी के छोटे पुत्र, रतनजी ने टाटा व्यवसाय को विशेष रूप से कपड़ा उद्योग में विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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जेआरडी टाटा (1904–1993): रतनजी और सुज़ैन ब्रीयर के पुत्र, जेआरडी टाटा समूह के अध्यक्ष रहे और उन्होंने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर ले जाने में योगदान दिया। उन्होंने टाटा एयरलाइंस (अब एयर इंडिया) की स्थापना की।

नवल टाटा (1904–1989): रतनजी टाटा के गोद लिए हुए पुत्र, नवल टाटा भी टाटा समूह के महत्वपूर्ण सदस्य थे। उन्होंने सूनी कमिसारियट से शादी की और उनके दो पुत्र, रतन टाटा और जिमी टाटा हुए। बाद में उन्होंने सिमोन टाटा से विवाह किया और नोएल टाटा का स्वागत किया।

रतन टाटा (1937–2024): रतन टाटा ने टाटा समूह का वैश्विक स्तर पर विस्तार किया, जिसमें जगुआर लैंड रोवर और टेटली जैसी बड़ी अधिग्रहण शामिल हैं।

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नोएल टाटा (1957): रतन टाटा के सौतेले भाई, नोएल टाटा इंटरनेशनल और ट्रेंट के प्रमुख रहे हैं, जो टाटा समूह का खुदरा विभाग है।

अगली पीढ़ी के नेता

रतन टाटा के निधन के बाद, अब टाटा समूह की बागडोर अगली पीढ़ी के नेताओं के हाथों में है। लिआ टाटा, माया टाटा और नेविल टाटा, टाटा परिवार की इस महान विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

लिआ टाटा: नोएल टाटा और आलो मिस्त्री की सबसे बड़ी बेटी, लिआ ने स्पेन के IE बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में डिग्री हासिल की है। वह ताज होटल्स में सहायक सेल्स मैनेजर के रूप में काम कर चुकी हैं और वर्तमान में ताजमहल पैलेस होटल, मुंबई में संचालन देख रही हैं।

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माया टाटा: लिआ की छोटी बहन, माया ने यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक और लंदन के बेयस बिजनेस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की है। वह टाटा न्यूर एप्लिकेशन के लॉन्च में अहम भूमिका निभा चुकी हैं।

नेविल टाटा: नोएल टाटा के सबसे छोटे पुत्र, नेविल बेयस बिजनेस स्कूल के स्नातक हैं। वह अपने पिता के साथ ट्रेंट, जो टाटा समूह का खुदरा विभाग है, के संचालन में सहायता करते हैं।

रतन टाटा का व्यक्तिगत जीवन और विवाह न करने का निर्णय

रतन टाटा ने कभी विवाह नहीं किया, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कई बार शादी के करीब जाने की बात मानी है। एक प्रमुख अवसर लॉस एंजिलिस में था, लेकिन परिस्थितियां हमेशा आड़े आ गईं। उनके और बॉलीवुड अभिनेत्री सिमी गरेवाल के बीच भी एक गहरा और महत्वपूर्ण रिश्ता था, लेकिन समय और व्यक्तिगत परिस्थितियों के कारण वे शादी नहीं कर पाए।

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सिमी ने एक बार कहा था, "रतन और मैं लंबे समय से एक-दूसरे को जानते हैं। वह एक आदर्श व्यक्ति हैं—मृदुभाषी, विनोदी और सच्चे सज्जन। धन कभी उनका उद्देश्य नहीं रहा।"

रतन टाटा ने सिमी गरेवाल के शो में अपने अकेलेपन के बारे में खुलकर बात की थी, "कई बार मुझे पत्नी या परिवार न होने का अकेलापन महसूस होता है, और कभी-कभी मैं इसकी कमी महसूस करता हूं।" हालांकि, उन्होंने अपने अकेले जीवन की स्वतंत्रता का भी आनंद लिया।

रतन टाटा के निधन के बाद, सिमी ने उनके साथ की तस्वीरें साझा करते हुए अपने शोक व्यक्त किया और लिखा, "कहते हैं तुम चले गए... पर तुम्हारी कमी महसूस करना बहुत कठिन है। अलविदा मेरे दोस्त।" 

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