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रेणुका गुप्ता जो 20 साल से बाल कल्याण के लिए काम कर रही थी, उनका मंगलवार को कोविड-19 के कारण निधन हो गया। दरअसल 20 अप्रैल को कोविड-19 से संक्रमित हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। रेणुका पहले तीन और अस्पताल में भर्ती हो चुकी थी लेकिन ऑक्सीजन की कमी होने के कारण उन्हें जेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। विवरण के अनुसार कार्यकर्ता ब्लैक फंगस से जूझ रही थी।
रेणुका ने कई एनजीओ और कल्याणकारी समितियों के लिए काम किया था। रेणुका के पति इंदु प्रकाश सिंह भी कार्यकर्ता है जो बेघर लोगों की मदद करते हैं। वहीं उन्होंने अपनी पत्नी के लिए कहा की जिस संस्था के लिए वह काम करती थी वह पश्चिम यूपी के ग्रामीण इलाकों में करीब 1,300 लड़कियों की देखभाल कर रहें हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रेणुका 1,300 लड़कियों को अपनी बेटी की तरह मानती थी और अपना पूरा जीवन उनके लिए समर्पित कर दिया था।
1. 56 साल की रेणुका गुप्ता, जिनका परिवार विभाजन के कारण अलग हो गया था। उनका जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ था। साथ ही वह अब दो बच्चों की मां थी।
2. गुप्ता ने सामाजिक कार्य में अपनी आगे की पढ़ाई जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से 1987 में की थी। बाद में उन्होंने अपना जीवन विकास क्षेत्र को समर्पित कर दिया था।
3. उन्होंने 40 वर्षों तक लिंग, बाल अधिकार, शिक्षा और निष्पक्ष व्यापार से जुड़ी समस्याओं पर काम किया था।
4. रेणुका गुप्ता ने अपने पति के साथ लैंगिक मुद्दों पर कई पुस्तकों का सह-लेखन भी किया है और 1988 में एचआईवी केस स्टडी पर एक पुस्तिका भी लिखी थी।
5. गुप्ता बुलंदशहर स्थित एनजीओ परदादा परदादी सोसाइटी के सीईओ भी थी। यह एनजीओ ग्रामीण विकास के मुद्दों पर काम करता है।
उनके पति का उनके बारे में यह कहना है
रेणुका ने कई एनजीओ और कल्याणकारी समितियों के लिए काम किया था। रेणुका के पति इंदु प्रकाश सिंह भी कार्यकर्ता है जो बेघर लोगों की मदद करते हैं। वहीं उन्होंने अपनी पत्नी के लिए कहा की जिस संस्था के लिए वह काम करती थी वह पश्चिम यूपी के ग्रामीण इलाकों में करीब 1,300 लड़कियों की देखभाल कर रहें हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रेणुका 1,300 लड़कियों को अपनी बेटी की तरह मानती थी और अपना पूरा जीवन उनके लिए समर्पित कर दिया था।
जानें बाल कल्याण कार्यकर्ता के बारे में 5 बातें
1. 56 साल की रेणुका गुप्ता, जिनका परिवार विभाजन के कारण अलग हो गया था। उनका जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ था। साथ ही वह अब दो बच्चों की मां थी।
2. गुप्ता ने सामाजिक कार्य में अपनी आगे की पढ़ाई जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से 1987 में की थी। बाद में उन्होंने अपना जीवन विकास क्षेत्र को समर्पित कर दिया था।
3. उन्होंने 40 वर्षों तक लिंग, बाल अधिकार, शिक्षा और निष्पक्ष व्यापार से जुड़ी समस्याओं पर काम किया था।
4. रेणुका गुप्ता ने अपने पति के साथ लैंगिक मुद्दों पर कई पुस्तकों का सह-लेखन भी किया है और 1988 में एचआईवी केस स्टडी पर एक पुस्तिका भी लिखी थी।
5. गुप्ता बुलंदशहर स्थित एनजीओ परदादा परदादी सोसाइटी के सीईओ भी थी। यह एनजीओ ग्रामीण विकास के मुद्दों पर काम करता है।