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मिलें पाकिस्तान की पहली महिला अंतरराष्ट्रीय अंपायर सलीमा इम्तियाज़ से

सलीमा इम्तियाज ने पाकिस्तान की पहली महिला आईसीसी अंतरराष्ट्रीय पैनल अंपायर बनकर इतिहास रचा। जानिए उनकी प्रेरणादायक यात्रा और उनकी बेटी काइनात इम्तियाज के साथ उनके विशेष संबंध।

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Vaishali Garg
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Saleema Imtiaz, Pakistan's First Female International Umpire

Images: DAWN, Saleema Imtiaz LinkedIn

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 15 सितंबर को घोषणा की कि सलीमा इम्तियाज़ को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के विकास पैनल अंपायर के रूप में नामांकित किया गया है। उन्होंने इतिहास रचते हुए पाकिस्तान की पहली महिला अंपायर के रूप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सलीमा ने अब तक 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की है, जिसमें 16 मैदान पर और 6 टीवी अंपायर के रूप में शामिल हैं। अब वह महिला द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय मैचों और आईसीसी महिला प्रतियोगिताओं में अंपायरिंग करेंगी।

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पाकिस्तान की पहली महिला अंतरराष्ट्रीय अंपायर सलीमा इम्तियाज़ से मिलें

सलीमा इम्तियाज़ का ऐतिहासिक करियर

सलीमा ने अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर PCB से बात करते हुए कहा, "यह सिर्फ मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की हर महिला क्रिकेटर और अंपायर के लिए एक जीत है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सफलता और भी महिलाओं को क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करेगी।"

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सलीमा का क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन में ही शुरू हुआ, जब वह अपने मोहल्ले में दोस्तों के साथ खेला करती थीं। उन्होंने 2006 में अंपायरिंग शुरू की और अपनी बेटी कैनात को भी इस खेल में प्रेरित किया। कैनात इम्तियाज़ एक सफल क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 19 ODI और 21 T20I मैच खेले हैं।

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मां-बेटी की प्रेरणादायक जोड़ी

यह मां-बेटी की जोड़ी अब खेल में बड़ी प्रगति कर रही है। सलीमा ने PCB को बताया, "कैनात मेरे सपने को पूरा कर रही है। मेरा सपना था कि मैं पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करूं। वह सिर्फ एक अच्छी बेटी ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन क्रिकेटर भी है। उसकी ऊर्जा देखकर मैं खुद प्रेरित होती हूं।"

सलीमा 2022 में एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के एक महत्वपूर्ण ऑल-फीमेल अंपायर पैनल का हिस्सा थीं, जहां उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच मैच में अंपायरिंग की थी। कैनात ने PCB को बताया कि उनकी मां ने उन्हें अपने करियर में मार्गदर्शन दिया।

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कैनात ने कहा, "मैं अपनी मां की तरह बनना चाहती हूं और अपने क्रिकेट के जुनून को देश के लिए कुछ वापस करने में बदलना चाहती हूं। बचपन से ही हमारे घर में क्रिकेट का बहुत माहौल था क्योंकि मेरे दोनों माता-पिता खेल प्रशिक्षक हैं। मुझे बहुत गर्व है कि मेरे पास घर पर ऐसे प्रेरक मार्गदर्शक हैं।"

सलीमा और कैनात का विशेष रिश्ता

कैनात ने उन टूर्नामेंटों में भी हिस्सा लिया है, जिनमें सलीमा अंपायर थीं। कैनात ने कहा, "ऐसे मैचों में हमारे दोनों पर दबाव बढ़ जाता है। मुझे नहीं पता कि भविष्य में मैं अंपायरिंग को करियर के रूप में अपनाऊंगी या नहीं, लेकिन इतना जरूर जानती हूं कि मैं पाकिस्तान की सेवा करना चाहती हूं।"

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