बताया जा रहा है कि सीमा पात्रा अपने घर से भागने की कोशिश कर कर रही थी पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अपनी नौकरानी के साथ हिंसा की।
क्या है पूरा मामला?
सीमा पात्रा के खिलाफ आरोप है की उन्होंने घरेलू कामकाज के लिए रखी गई युवती को 8 वर्ष तक प्रताड़ित किया। युवती शारीरिक रूप से दिव्यांग है। उसे बाहर भी नही जाने दिया गया जिससे वह अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में किसी को बता सके। उनके ऊपर हुए इस तरह के अत्याचार से उनका परिवार सदमे में है।
क्या है पीड़ित युवती के आरोप?
पीड़ित युवती का नाम सुनीता है। वह आदिवासी समुदाय की है। घरेलू हालात ठीक न होने के कारण उन्हें काम करना पड़ा। पर उन्हें क्या पता था कि वह जिस घर में कमाने के लिए जा रही है वहां उनके साथ ऐसा अत्याचार होगा। घर की मालकिन सीमा ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
सीमा ने लोहे की रॉड से सुनीता के दांत तोड़ दिए। यही नहीं सुनीता का आरोप है कि सीमा ने कई बार उसे गर्म तवे से भी जलाया। तवे से जलने के निशान अभी भी सुनीता है शरीर पर है। सुनीता ने किसी प्रकार मोबाइल की सहायता से विवेक आनंद बास्के नाम के सरकारी कर्मचारी से संपर्क किया। उन्होंने आनंद को अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के बारे में बताया। आगे मामले में आनंद की सहायता से ही अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज हुई जिसके बाद सुनीता को सीमा के घर से छुड़ाया गया।
आगे की कार्यवाही
सुनीता पर किए गए अत्याचारों की खबर जनता तक पहुंचने के बाद ही सीमा की गिरफ्तारी की मांग तेज़ हो गई। ट्वीटर, फेसबुक, यूट्यूब जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग अपना गुस्सा ज़ाहिर करने लगे। कुछ समय बाद सीमा को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा यह भी जानकारी दी गई की पुलिस के आने की खबर से सीमा घर से भागने की कोशिश कर रही थी। परंतु पुलिस ने उन्हें उसी समय गिरफ्तार कर लिया।
सीमा पर आईपीसी की धारा 323/325/346 और 374 लगाती गई है। चूंकि सुनीता आदिवासी समुदाय की है इसलिए सीमा पर एससी एसटी एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज हुआ है। सुनीता का इलाज चल रहा है जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। देश के करोड़ों लोग उनके ठीक होने की दुआ कर रहे है और साथ ही यह उम्मीद भी कर रहे है कि सुनीता को न्याय मिले।