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Shyam Benegal: भारतीय सिनेमा के युगपुरुष को देश ने दी अंतिम विदाई

पद्म भूषण से सम्मानित श्याम बेनेगल, समानांतर सिनेमा के जनक और अंकुर व मंथन जैसी यादगार फिल्मों के निर्माता, का 90 वर्ष की उम्र में निधन। उनकी सिनेमाई विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

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Vaishali Garg
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Shyam Benegal

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Shyam Benegal A Visionary Filmmaker Who Redefined Indian Cinema: भारतीय सिनेमा के महानायक श्याम बेनेगल, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी, 23 दिसंबर 2024 को मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। हाल ही में उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित बेनेगल का जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी यादगार फिल्मों में अंकुर, सरदारी बेगम, निशांत, मंडी और वेलकम टू सज्जनपुर शामिल हैं।

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श्याम बेनेगल: भारतीय सिनेमा के युगपुरुष को देश ने दी अंतिम विदाई

श्याम बेनेगल: भारतीय समानांतर सिनेमा के जनक

श्याम बेनेगल को 1970 और 1980 के दशक में समानांतर सिनेमा आंदोलन का प्रणेता माना जाता है। उनकी फिल्में सामाजिक मुद्दों और मानवीय संवेदनाओं का गहरा चित्रण करती थीं। मंथन, जो सहकारी समितियों के सहयोग से बनी थी, उनकी सबसे अनोखी कृतियों में से एक है। हाल ही में, इस फिल्म को 2024 के कान फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया।

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बेनेगल की आखिरी फिल्म मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन थी, जो 2023 में रिलीज़ हुई। इस फिल्म ने दर्शकों को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के जीवन से रूबरू कराया।

श्रद्धांजलियों का तांता

श्याम बेनेगल के निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सैलाब उमड़ पड़ा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "श्री श्याम बेनेगल जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उनकी कहानी कहने की कला ने भारतीय सिनेमा पर गहरी छाप छोड़ी। उनकी कृतियां हमेशा याद की जाएंगी।"

राहुल गांधी ने लिखा, "श्याम बेनेगल ने भारत की कहानियों को गहराई और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया। उनकी सिनेमाई विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।"

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फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने शोक जताते हुए लिखा, "उन्होंने 'न्यू वेव' बनाई और भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी। अलविदा मेरे मित्र और मार्गदर्शक।"

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सिनेमा को दी नई पहचान

श्याम बेनेगल का योगदान केवल फिल्म निर्माण तक सीमित नहीं था। उन्होंने सामाजिक मुद्दों को सिनेमा के जरिए प्रस्तुत करने का साहसिक कदम उठाया। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई।

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श्याम बेनेगल का जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक युग का अंत है। उनकी कला, उनके विचार, और उनका दृष्टिकोण हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान अमूल्य है और उनकी कमी को कभी भरा नहीं जा सकेगा।

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