#StartUpIndia गूगल लॉंच-पॅड: 5 कंपनीज़ अपने आइडिया प्रस्तुत करेंगी

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Swati Bundela
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गूगल लॉंच-पॅड गूगल द्वारा शुरू की गयी एक पहल है, App डेवेलपर्स की मदद करने के लिए, जिसमें गूगल अपनी टेक्नालजी, इवेंट्स, ऑनलाइन साधन, विशेषज्ञता एवं समुदाय के द्वारा स्टारट्प्स को लॉंच होने व बढ़ने में सहायता प्रदान करते हैं. उनके इस 5 दिन चलने वाले इस प्रतिपालन कार्यकम् में भागीदार बनने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जाने वाले इवेंट स्टार्ट्प इंडिया में 5 कंपनीज़ अपने आइडिया प्रस्तुत करेंगी.


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16 जनवरी को हो रहे स्टार्ट्प इंडिया, स्टॅंड्प इंडिया पर कई दिलचस्प चीज़ें होने वाली हैं. भाग ले रही कंपनीज़ शिक्षा, सेहत व खेल के क्षत्र में कुच्छ रचनात्मक बदलाव लाई हैं. आइए नज़र डालें लॉनर्पॅड के लिए होड़ लगा रही इन कंपनीज़ पर:


कार्डियाक डिज़ाइन लॅब्स:


दिल की बीमारी विश्व में मौत का सबसे बड़ा कारण है. विश्व में लगभग 64000000 मरीज और सिर्फ़ 4000 हार्ट स्पेशलिस्ट्स हैं. और हुमारी बदलती जीवन शैली के कारण यह अंक बढ़ता जा रहा है. कार्डियाक डिज़ाइन लॅब्स ने  पहनने योग्य जैव चिकित्सा सेंसर की संरचना की है , जिससे हृदय गतिविधि का वास्तविक समय विश्लेषण किया जा सकता है. यह अविष्कार बढ़ते हृदय मरीज और डॉक्टर्स की हो रही कमी का अंतर कम करने में काफ़ी महत्वपूर्ण है.


 Sbalabs Pvt. Ltd.:
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हम सब को पता है के कार्बन क्या है. जाने अंजाने में, हम सभी हर रोज़ पर्यावरण में कार्बन के कुच्छ अंश छोड़ते हैं. एक औसत भारतीय हर वर्ष लगभग 1.19 टन कार्बन छोड़ता है, गार्डियन की एक स्टडी से पता चलता है. भूटान को छोड़ के विश्व के सभी देश अपने पेड़ों की सॉफ करने की क्षमता से अधिक कार्बन बनाते हैं. और Sbalabs इसी का समाधान ले के आए हैं. वे इस कार्बन को प्रिंटिंग इंक, पिगमेंट और पैंट बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं. कार्बन से कई जानलेवा बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे की ब्रॉंकाइटिस, अस्थमा, हार्ट अटॅक, स्ट्रोक आदि.


गुरुजी:जी


Guru-G पढ़ाने का तरीका बदल रहा है. यह बच्चे के मूड के अनुसार टीचर को पढ़ाने का तरीका बताए हैं, जिससे उसे सबसे अच्छे से समझ में आए. शैक्षिक योग्यता में आए इस बदलाव से बच्चों की समझने की क्षमता में 86 प्रतिशत की बढ़त हुई है, और इससे उन्हे पढ़ने में और मज़ा भी आ रहा है. इन्होने सरकारी और प्राइवेट- दोनो स्कूल में यह कार्यक्रम कामयाब रूप से चलाया है.


SlamdunQ:


अपने आप को किसी खेल के लिए प्रोफेशनली तैय्यर करना अब कोई सपना नहीं रहा. स्मारट्वॅच और स्मार्टबॅंड के माध्यम से पहनने योग्य टेक्नालजी के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए, स्लमदूंQ ने हुमारए देश बढ़ते खिलाड़ियों और बढ़ने का मौका दिया है. बंगलोर में पिछले वर्ष हुए गूगल लौंचपद इवेंट में वे विजयी रह चुके हैं. खेल कूद की ओर सरकार के बढ़ते फोकस को देखते हुए, यह टेक्नालजी बिल्कुल सही समय पर सामने आई है.


रीप बेनेफिट:

यह पहल शिक्षा, पर्यावरण और नागरिक समस्याओं कटाव के बीच में काम करती है. उनका कम लागत नवाचार उन्हे अद्वितीय बनाता है इनका ज़्यादातर काम ग्रासरूट पे की गयी रिसर्च पे आधारित है. इनके इनोवेटर्स हैं सरकारी व प्राइवेट सचूलों में जाने वाले बच्चे. अपने निरंतर प्रयास से इन्होने पिछले वर्ष लगभग 2 मिलियन लीटर पानी और 100000 यूनिट बिजली की बचत की है.

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