Study Says 45% Women May Be Single, Childfree By 2030: हाल ही में मॉर्गन स्टेनली द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह भविष्यवाणी की गई है कि 2030 तक 45% महिलाएं अविवाहित और संतान रहित रह सकती हैं। यह आंकड़ा 2018 के 41% से बढ़ा हुआ है। 'राइज़ ऑफ़ द शेकॉनमी' नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 30 और 40 की उम्र की महिलाएं विवाह को लेकर पहले से कम इच्छुक हैं और तलाक लेने की संभावनाएं भी अधिक हैं।
महिलाएं क्यों अपना रही हैं अकेला और संतान रहित जीवन?
महिलाएं आजकल अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों और मूल्यों को प्राथमिकता दे रही हैं। वे पारंपरिक समाजिक मान्यताओं को चुनौती देते हुए व्यक्तिगत विकास, करियर और स्वतंत्रता पर अधिक ध्यान दे रही हैं। यह उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ-साथ नए अनुभवों और उपलब्धियों को हासिल करने का मौका देता है।
करियर बनाम परिवार: क्या यह हमेशा महिलाओं की अपनी पसंद है?
अमेरिकी अध्ययन के बावजूद, इसका प्रभाव वैश्विक है। आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि अविवाहित और संतान रहित महिलाएं शादीशुदा और मातृत्व वाली महिलाओं से अधिक कमाती हैं। भारत में भी, केवल 32% महिलाएं ही कार्यबल का हिस्सा हैं, और शादी या मातृत्व के बाद उनका करियर प्रभावित होता है।
क्या यह सही है?
महिलाओं से हमेशा यह उम्मीद क्यों की जाती है कि वे परिवार और करियर में से एक का चुनाव करें? जब पुरुषों को दोनों के बीच चयन करने के लिए नहीं कहा जाता, तो यह असमानता क्यों? महिलाओं को भी यह अधिकार है कि वे बिना किसी दबाव के अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लें।
समाज को महिलाओं पर करियर और परिवार के बीच चयन करने का दबाव डालना बंद करना चाहिए। महिलाओं को अपने निर्णय खुद लेने का अधिकार होना चाहिए, चाहे वह शादी और मातृत्व हो या करियर।
यह आर्टिकल रूद्राणी गुप्ता के आर्टिकल से इंस्पायर्ड है।