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भारत की पहली महिला सत्याग्रही सुभद्रा कुमारी चौहान को गूगल ने किया सम्मानित

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Swati Bundela
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सुभद्रा कुमारी चौहान गूगल डूडल: गूगल ने आज (16 जनवरी) को प्रसिद्ध कवि सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) का डूडल (Google Doodle) बना कर उनकी 117 वीं जयंती पर उन्हें सम्मान दिया। झांसी की रानी कविता लिखने वाली प्रसिद्ध कवि चौहान भारत की पहली महिला सत्याग्रही, एक बेहतरीन कवि और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जानी जाती है।

सुभद्रा कुमारी चौहान गूगल डूडल:

गूगल के इस एनिमेटेड डूडल में, चौहान एक कलम और कागज लिए बैठी नज़र आ रही है। वही पीछे की ओर झांसी की रानी लक्ष्मी बाई एक घोड़े पर सवार नज़र आ रही है , इसके अलावा डूडल में सत्याग्रही भी सत्याग्रह करते हुए आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे है।आपको बता दे कि सुभद्रा कुमारी चौहान का ये डूडल न्यूजीलैंड की गेस्ट आर्टिस्ट प्रभा माल्या द्वारा बनाया गया है।

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सुभद्रा कुमारी चौहान कौन थी ?

सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म नागपंचमी के दिन 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद के पास निहालपुर में हुआ था। सुभद्रा कुमारी चौहान महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली पहली महिला थीं और कई दफ़ा जेल भी गई थी। सुभद्रा महिलाओं के बीच जाकर उन्हें स्वदेशी अपनाने और विदेशी चीज़े छोड़ने के लिए प्रेरित करती थीं। 1920-21 में सुभद्रा और लक्ष्मण सिंह दोनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य थी।

उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना झाँसी की रानी रही है, यह एक भावुक और रौंघटे खड़े कर देने वाली कविता है। जो झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर आधारित है। साथ ही यह कविता हिंदी साहित्य में गाई जाने वाली सबसे प्रसिद्ध कविताओ में से भी एक है।

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सुभद्रा की शादी 1919 में लक्ष्मण सिंह के साथ हुई थी। गृहस्थी और नन्हे-नन्हे बच्चों का जीवन सँवारते हुए उन्होंने समाज और राजनीति की सेवा की दोनों बड़े ही अच्छे से पूरी की । सुभद्राकुमारी चौहान का देहांत 15 फरवरी, 1948 को 44 वर्ष की आयु में ही हो गया था।

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