Supreme Court का बड़ा फैसला: 25,000 शिक्षकों की बर्खास्तगी से ममता सरकार को बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी, जिससे ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने इसे धोखाधड़ी प्रक्रिया करार देते हुए सरकार को तीन महीने में नई भर्ती करने का आदेश दिया।

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Priya Singh
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Supreme Court(Punjab Kesari)

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Supreme Court Dismissed 25,000 Teachers, A Big Blow to Mamata Banerjee Government: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। अदालत ने इसे "हेरफेर और धोखाधड़ी" से प्रभावित प्रक्रिया करार दिया। इस फैसले से ममता बनर्जी सरकार को बड़ा राजनीतिक नुकसान हुआ है। अब राज्य सरकार को नई भर्ती प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करनी होगी।

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Supreme Court of India का बड़ा फैसला: 25,000 शिक्षकों की बर्खास्तगी से ममता सरकार को बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया यह फैसला?

ख़बरों के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया "धोखाधड़ी और हेरफेर" से प्रभावित थी। अदालत ने कहा कि जो लोग इस नई चयन प्रक्रिया को पास कर लेंगे, उन्हें पहले के वेतन को लौटाने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, जो इसमें विफल होंगे, उन्हें वेतन वापस करना होगा। विकलांग व्यक्तियों को इस फैसले से छूट दी गई है।

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ममता सरकार को बड़ा झटका

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने तर्क दिया था कि बेदाग उम्मीदवारों को दागी उम्मीदवारों से अलग किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया अवैध थी।

विवाद के केंद्र में अतिरिक्त पद 

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2016 में आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था। उस समय घोषित रिक्तियां 24,640 थीं, लेकिन 25,753 नियुक्तियां की गईं। इस अनियमितता ने अवैध भर्ती की आशंका को जन्म दिया।

भाजपा ने किया हमला 

भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस फैसले को ममता सरकार की "करारी हार" बताया। उन्होंने कहा, "पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, जिन्हें नकदी के बंडलों के साथ पकड़ा गया था, पहले से ही जेल में हैं। ममता बनर्जी को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"

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क्या होगा आगे?

अब पश्चिम बंगाल सरकार को तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस फैसले का सामना कैसे करती है और विपक्ष इस मुद्दे को कितना भुनाता है।

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