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Photograph: (The Hindu)
Supreme Court of India Stays On Tree Cutting In Hyderabad Kanchan Gachibowli: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद के कांचा गाचीबोवली वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को जंगल का दौरा कर अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। यह फैसला उस याचिका के तहत आया जिसमें 400 एकड़ भूमि पर वन क्षेत्र को नष्ट करने के प्रभावों पर चिंता व्यक्त की गई थी। न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक किसी भी प्रकार की कटाई नहीं की जाए।
पर्यावरण से खिलवाड़ बंद हो !
— Dimple Yadav (@dimpleyadav) April 2, 2025
तेलंगाना में प्रदेश सरकार द्वारा 400 एकड़ जंगल को साफ करने का प्रयास, हजारों पेड़ो की कटाई सरासर पर्यावरण और वन्यजीवों के खिलाफ है।
कांचा गाचीबोवली वन (केजीएफ) को साफ करने से गंभीर परिणाम संभव है, साथ स्थानीय तापमान में भी वृद्धि भी होगी।
तत्काल… pic.twitter.com/Y2ZyfASGat
सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद के कांचा गाचीबोवली में पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक
The Hindu की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने इस मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि कांचा गाचीबोवली वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए तत्काल कदम उठाना आवश्यक है। पीठ ने कहा, "हम तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को तुरंत स्थल का दौरा करने और दोपहर 3:30 बजे तक अंतरिम रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस निर्णय को तुरंत उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार तक पहुंचाया जाए और वे त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
400 एकड़ में फैला जंगल
हैदराबाद के केंद्र में फैले 400 एकड़ के कांचा जंगल को एक महत्वपूर्ण हरित क्षेत्र माना जाता है। घने पेड़-पौधों से आच्छादित यह जंगल कई जीव-जंतुओं और पक्षियों का आश्रय स्थल है। इसे हैदराबाद के "फेफड़े" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह शहर के लिए स्वच्छ हवा और हरियाली का प्रमुख स्रोत है।
रात के अंधेरे में चोरी-छिपे कटाई
इस विशाल जंगल में पेड़ों की कटाई रात के अंधेरे में गुपचुप तरीके से की जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह कटाई उस समय शुरू की गई जब लगातार कई छुट्टियों के चलते हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र अपने घर चले गए थे। चूंकि यह जंगल विश्वविद्यालय के पास ही स्थित है, छात्रों ने पहले भी इसकी कटाई का विरोध किया था और अब वे फिर से इसके संरक्षण की मांग कर रहे हैं।
वन संरक्षण को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन
हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय से सटे 400 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित विकास कार्यों का विरोध किया है। छात्रों का तर्क है कि यह क्षेत्र एक समृद्ध वन्यजीव और जैव विविधता का घर है और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को 3 अप्रैल तक सभी निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया था। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में कटाई की संभावना को देखते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
सरकार की योजना पर सवाल
तेलंगाना राज्य सरकार इस भूमि का उपयोग विकास परियोजनाओं के लिए करना चाहती है। हालांकि, पर्यावरणविदों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह क्षेत्र वन संपदा और प्राकृतिक संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि जब तक कोई अन्य आदेश जारी न हो, तब तक कांचा गाचीबोवली में किसी भी प्रकार की कटाई नहीं की जाएगी।
आगे की कार्रवाई
इस मामले की अगली सुनवाई आज दोपहर 3:45 बजे होगी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह तेलंगाना उच्च न्यायालय की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाए।